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पर्यटन स्थलों पर भीड़ को लेकर केंद्र ने फिर चेताया, कहा- कोरोना की दूसरी लहर खत्म नहीं हुई

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करते हुए राज्यों के साथ ही लोगों को भी आगाह किया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 06:52 AM (IST)
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निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के आदेश
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना लाकडाउन और प्रतिबंधों में छूट मिलने के साथ ही हिल स्टेशनों और अन्य पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ और प्रोटोकाल की घोर अवहेलना पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर चेताया है। सरकार ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर अभी गई नहीं है और इस तरह की बेफिक्री महामारी को सीधे-सीधे बुलावा देना है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करते हुए राज्यों के साथ ही लोगों को भी आगाह किया। बैठक में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, गोवा, केरल और तमिलनाडु कोरोना के हालात और टीकाकरण की समग्र स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में यह बताया गया कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरी लहर जरूर कमजोर पड़ रही है और समग्र संक्रमण दर भी गिर रही है, लेकिन उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बंगाल के कई जिलों में अभी भी संक्रमण दर 10 फीसद से ज्यादा बनी हुई है।

हिल स्टेशनों पर कोरोना प्रोटोकाल के उल्लंघन से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए भल्ला ने कहा कि राज्यों को मास्क पहनने और शारीरिक दूरी बनाए रखने जैसे बचाव के उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए।

पांच स्तरीय रणनीति को अपनाएं राज्य

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक में राज्यों से पांच स्तरीय रणनीति अपनाने को कहा गया। इनमें जांच, संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की पहचान, उपचार, टीकाकरण और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना शामिल है। मंत्रालय ने 29 जून को इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया था।

स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर जोर

बैठक में ग्रामीण, उपनगरीय क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का आकलन किया गया। महामारी की संभावित लहर से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचे को पूरी तरह से तैयार करने को कहा गया।

बैठक में कौन-कौन शामिल

केंद्रीय गृह सचिव के साथ बैठक में केंद्र और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसमें नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव और आठ राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक शामिल हैं।