Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर लगाम कसेगी केंद्र सरकार, सोमवार को संसद में पेश होगा नया विधेयक

परीक्षा माफिया को जमींदोज करने के लिए केंद्र सरकार सोमवार को नया विधेयक संसद में पेश कर सकती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए इस कानून को लाने जाने की जानकारी दी थी।सूत्रों के मुताबिक परीक्षाओं से जुड़ी गड़बडि़यों को रोकने के लिए यह कानून कार्मिक मंत्रालय की ओर से लाया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 04 Feb 2024 08:09 PM (IST)
Hero Image
परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर लगाम कसेगी केंद्र सरकार (Image: representative)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले परीक्षा माफिया को जमींदोज करने के लिए केंद्र सरकार सोमवार को नया विधेयक संसद में पेश कर सकती है। जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा और एक करोड़ तक जुर्माना हो सकता है।

यह जेईई, नीट और सीयूईटी सहित सभी प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं पर प्रभावी होगा। इसके दायरे में सभी राज्य आएंगे। वैसे भी जेईई, नीट व सीयूईटी जैसी परीक्षाओं का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर होता है। इसके साथ ही राज्य भी अपनी भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी पर रोकथाम के लिए इस कानून को अपना सकेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए इस कानून को लाने जाने की जानकारी दी थी। सूत्रों के मुताबिक परीक्षाओं से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह कानून कार्मिक मंत्रालय की ओर से लाया जा रहा है। इसमें मंत्रालय ने हाल ही में केंद्र और राज्य के स्तर पर आयोजित उन सभी परीक्षाओं के अनुभव को भी शामिल किया है, जिनका बेहतर तरीके से आयोजन हुआ है या फिर उनमें किसी स्तर पर गड़बड़ी देखने को मिली है।

इसमें खासतौर पर केंद्र सरकार की ओर से चलाए गए भर्ती अभियान से जुड़े इनपुट को भी आधार बनाया गया है। जिसे तकनीक के बेहतर इस्तेमाल से पारदर्शी व तय समय में पूरा किया गया था। सूत्रों की मानें तो परीक्षा में गड़बडि़यों के पीछे देश भर में सक्रिय परीक्षा माफिया है। जो इनमें शामिल लोगों से मिलकर पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम देते है।

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस प्रस्तावित कानून में युवाओं के उस फीड़बैक को शामिल किया गया है, जो गड़बड़ी सामने आने के बाद या फिर परीक्षाओं के रद होने से उनमें दिखनी है। इसके साथ ही परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल भी प्रस्तावित है। परीक्षाओं के आयोजन से जुड़े लोगों व एजेंसियों को पूरी जांच पड़ताल के बाद ही शामिल करने का सुझाव है।

गौरतलब है कि भर्ती और प्रवेश से जुड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में भारी भीड़ के चलते अभी इसका आयोजन देश भर में होता है। राष्ट्रीय स्तर से प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति तो की जाती है, लेकिन परीक्षा से जुड़े दूसरे सभी लोग स्थानीय ही होते है। ऐसे में प्रस्तावित नए कानून के दायरे में परीक्षा से जुड़े सभी लोग आएंगे। राजस्थान के हाल ही के विधानसभा चुनाव के दौरान भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ था।

यह भी पढ़ें: बेहिसाब पैसा और आभूषणों की बरामदगी, CBDT ने कहा- विधानसभा चुनावों में पहले की तुलना में अधिक नकदी हो रही जब्त

यह भी पढ़ें: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र पर बोला हमला, 10 वर्षों के बेरोजगारी संकट का दिया हवाला