रैनसमवेयर अकीरा हमले को लेकर CERT-In ने चेताया, यूजर्स को दी बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकाल का उपयोग करने की सलाह
साइबर सुरक्षा एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने इंटरनेट रैनसमवेयर वायरस अकीरा के हमले को लेकर इंटरनेट यूजर्स को आगाह किया है। अकीरा महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी चुराता है और डाटा को एन्क्रिप्ट कर लोगों से पैसे की उगाही करता है। यह कंप्यूटर मालवेयर विंडोज और लिनक्स-आधारित सिस्टम को निशाना बना रहा है। हाल ही में सामने आया रैनसमवेयर अकीरा साइबरस्पेस में सक्रिय है।
नई दिल्ली, पीटीआई। साइबर सुरक्षा एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने इंटरनेट रैनसमवेयर वायरस "अकीरा" के हमले को लेकर इंटरनेट यूजर्स को आगाह किया है। "अकीरा" महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी चुराता है और डाटा को एन्क्रिप्ट कर लोगों से पैसे की उगाही करता है। यह कंप्यूटर मालवेयर विंडोज और लिनक्स-आधारित सिस्टम को निशाना बना रहा है।
सीईआरटी-इन ने एप्लिकेशन को अपडेट करने की दी सलाह
सीईआरटी-इन ने इंटरनेट यूजर्स को ऑनलाइन वायरस हमलों से सुरक्षित रहने के लिए बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकाल का उपयोग करने, आपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन को नियमित रूप से अपडेट करने की सलाह दी है। सीईआरटी-इन ने एडवाइजरी में इंटरनेट यूजर्स से कहा है, हाल ही में सामने आया रैनसमवेयर "अकीरा" साइबरस्पेस में सक्रिय है। यह पहले जानकारी चुराता है, फिर अपने सिस्टम पर डाटा एन्कि्रप्ट कर पीड़ित से उगाही करता है। यदि पीडि़त भुगतान नहीं करता तो उसका डाटा डार्क वेब ब्लाग पर जारी कर दिया जाता है।
अवैध गतिविधियों में किया जाता है डार्क वेब का इस्तेमाल
डार्क वेब इंटरनेट का वह भाग है जिसे आमतौर पर सर्च इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता। इसका इस्तेमाल तस्करी, मादक पदार्थों की खरीद और बिक्री जैसी अवैध गतिविधियों में किया जाता है। रैनसमवेयर कंप्यूटर मालवेयर है जो यूजर्स के डाटा और सिस्टम को ब्लाक कर देता है और वापस एक्सेस देने के लिए फिरौती की मांग करता है। सीईआरटी-इन साइबर हमलों से निपटने के लिए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा संगठन है। इसका गठन भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया था।