दिग्गज अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय का निधन, प्राचीन ग्रंथों को युवाओं तक पहुंचाया; PM के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी थे
अर्थशास्त्री पद्मश्री बिबेक देबरॉय का शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने 69 वर्ष की उम्र में नई दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली। देबरॉय को आंतों में दिक्कत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। देबरॉय पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष थे। वे 2019 तक नीति आयोग के सदस्य भी रहे थे। बिबेक देबरॉय ने प्राचीन ग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया।
शिलांग में हुआ था जन्म
25 जनवरी 1955 में बिबेक देबरॉय का जन्म मेघालय की राजधानी शिलांग में हुआ था। देबरॉय भगवत गीता, रामायण और वेदों का सरल अंग्रेजी में अनुवाद कर चुके हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के नरेंद्रपुर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल से शिक्षा हासिल की। बाद में कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।पीएम मोदी ने जताया शोक
उत्कृष्ट शिक्षाविद थे बिबेक देबरॉय: धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी निधन पर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रधान ने लिखा कि डॉ. बिबेक देबरॉय के निधन से बहुत दुःख हुआ। वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, एक विपुल लेखक और एक उत्कृष्ट शिक्षाविद थे। आर्थिक मुद्दों पर उनके नीतिगत मार्गदर्शन और भारत के विकास में उल्लेखनीय योगदान को हमेशा सराहा जाएगा। समाचार पत्रों में उनके स्तंभों ने लाखों लोगों को समृद्ध और प्रबुद्ध किया। डॉ. देबरॉय अर्थशास्त्र, शिक्षा और साहित्य की दुनिया में एक स्थायी विरासत छोड़ गए हैं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं।Chairman of Prime Minister’s Economic Advisory Council and Economist Bibek Debroy passed away at 69. pic.twitter.com/iaSZWP0ib4
— ANI (@ANI) November 1, 2024
Dr. Bibek Debroy Ji was a towering scholar, well-versed in diverse domains like economics, history, culture, politics, spirituality and more. Through his works, he left an indelible mark on India’s intellectual landscape. Beyond his contributions to public policy, he enjoyed… pic.twitter.com/E3DETgajLr
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2024