शहरी जल सुरक्षा को आम बजट में मिलेगी प्राथमिकता, डेढ़ करोड़ घरों में नल से पानी पहुंचाने की है चुनौती
केंद्र सरकार के सामने डेढ़ करोड़ शहरी घरों में नल से जल पहुंचाने की चुनौती है। इसे देखते हुए आम बजट में शहरी जल सुरक्षा के तहत साढ़े चार हजार से अधिक शहरी निकायों को आम बजट में प्राथमिकता दी जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में शहरी क्षेत्र की जल सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी जा सकती है। देश के 4500 से अधिक शहरी निकायों के लगभग डेढ़ करोड़ घरों में नल से जलापूर्ति की चुनौती है, जिससे निपटने के लिए सरकार आम बजट में विशेष प्रावधान करेगी। इसमें शहरी क्षेत्रों के जल स्त्रोतों की सुरक्षा पर विशेष जोर होगा।
''हर घर को सीवर लाइन से जोड़ना बड़ी चुनौती''
नल से जलापूर्ति के अलावा हर घर को सीवर लाइन से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है। शहरी निकायों में सीवर प्रणाली के मजबूत न होने से कई तरह की मुश्किलें पैदा होने लगी है। सीवेज के प्रदूषित जल की प्रोसेसिंग के लिए नये प्लांट लगाया जाना है। अटल मिशन फार रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन 2.0 (अमृत) के शुरु होने के बाद से शहरी जीवन में बदलाव की उम्मीदें बढी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन की सफलता के बाद इसे लागू किया गया है।
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जल सुविधा प्रदान करना चुनौती
शहरी क्षेत्रों में पिछले दो सालों में 1.34 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाने की परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है, जिससे आने वाले दिनें में इतने लोगों के घर पानी की आपूर्ति शुरू हो जाने की संभावना है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कर शहरों में आऩे वाली बड़ी आबादी को संभालना और उसके लिए जल जैसी मूलभूत जरूरी सुविधा प्रधान करना एक अलग चुनौती है। लगभग इतने ही सीवर कनेक्शन देने का प्रविधान किया गया है, जबकि अगले दो वर्षों में इससे कहीं अधिक शहरी घरों में पानी और सीवर कनेक्शन देने होंगे।
एक आंकड़े के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में हर साल पलायन कर आने वाली 30 लाख की आबादी को संभालना आसान नहीं है। आम बजट में इसके लिए भी अतिरिक्त प्रावधान करने होंगे। अमृत 2.0 के लिए 2.77 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है, जिसे वर्ष 2025 तक पूरा करना होगा।
8430 परियोजनाएं मंजूर
शहरी जलाशयों के पुनरोद्धार, सीवरेज और सेप्टेज मैनेजमेंट, पार्क और हरियाली क्षेत्र को विकसित करने वाली कुल 4830 परियोजनाएं मंजूर की जा चुकी हैं। परियोजना का लक्ष्य 2.68 करोड़ पानी कनेक्शन, 2.64 करोड़ सीवर कनेक्शन और 7151 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने हैं। ट्रीटमेंट प्लांट के निकलने वाले साफ पानी का दोबारा उपयोग करने का लक्ष्य है।
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