ई-ग्राम स्वराज में तकनीक की चुनौतियां, अक्टूबर से GeM पोर्टल से ही वस्तुओं-सेवाओं की खरीद होगी अनिवार्य
संसद की स्थायी समिति को मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक देश की कुल 2.72 लाख पंचायतों में से मात्र 80792 पंचायतों में ही इंटरनेट की सुविधा जनवरी 2023 तक शुरू हो सकी थी। दावा किया गया था कि हजारों पंचायतों में सेवा शुरू होने वाली है और छह माह में इसे और गति देते हुए अगले दो वर्ष में शत-प्रतिशत पंचायतों तक इंटरनेट सेवा पहुंचा दी जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 16 Jul 2023 11:45 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में इंटरनेट के उपभोक्ताओं की संख्या 70 करोड़ को पार कर चुकी है। इससे समझ सकते हैं कि तकनीक किस गति से अपना दायरा बढ़ा रही है, लेकिन उसकी तुलना में देखें तो सरकारी व्यवस्था में इसकी रफ्तार अभी काफी धीमी है।
पंचायतों में क्या है इंटरनेट का हाल?
केंद्र सरकार निस्संदेह इस पर जोर दे रही है और अब लक्ष्य हर ग्राम पंचायत तक ई-गवर्नेंस पहुंचाते हुए ई-ग्राम स्वराज अभियान की अवधारणा को पूरा करने का है, लेकिन तकनीक अभी रोड़ा बनी हुई है। अक्टूबर से जीईएम (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस) पोर्टल से ही पंचायतों में खरीद को अनिवार्य किया जाना है, लेकिन चुनौती यह है कि इंटरनेट सेवा अभी तक आधी पंचायतों में भी नहीं शुरू हो सकी है।
पंचायती राज मंत्रालय पंचायतों को पारदर्शी और सशक्त बनाने के लिए कई अभियान और कार्यक्रम चला रहा है। हाल ही में पंचायतों से कहा गया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर भी किसी भी मद में पैसे का लेन-देन अब यूपीआई से ही किया जाए। इसके लिए 15 अगस्त तक का लक्ष्य रखा गया है।
इसी तरह हाल ही में पंचायती राज मंत्रालय की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने राज्यों से कहा है कि सभी पंचायतों में जीईएम पोर्टल के माध्यम से ही वस्तुओं और सेवाओं की खरीद को केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा अनिवार्य किया जा रहा है।
इसे देखते हुए सभी पंचायतों में बेहतर इंटरनेट की व्यवस्था कर दी जाए। राज्यों ने यहां बैठक में बेशक सहमति दे दी हो, लेकिन धरातल पर स्थिति अभी चुनौतीपूर्ण ही नजर आती है। दरअसल, आंकड़ा ई-ग्राम स्वराज के अभियान में अबतक रही सुस्ती को दिखाता है।
80,792 पंचायतों में ही इंटरनेट की सुविधा
संसद की स्थायी समिति को मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश की कुल 2.72 लाख पंचायतों में से मात्र 80,792 पंचायतों में ही इंटरनेट की सुविधा जनवरी, 2023 तक शुरू हो सकी थी। दावा किया गया था कि हजारों पंचायतों में सेवा शुरू होने वाली है और छह माह में इसे और गति देते हुए अगले दो वर्ष में शत-प्रतिशत पंचायतों तक इंटरनेट सेवा पहुंचा दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उस दावे के बाद छह माह बीत चुके हैं। यदि ताजा आंकड़ा एक लाख या सवा लाख को पार भी कर गया होगा तो भी हजारों पंचायतें ऐसी रह जाएंगी, जो अक्टूबर से जीईएम पोर्टल की अनिवार्यता का पालन नहीं कर पाएंगी।
राज्यों में इंटरनेट सेवा की स्थिति
राज्य | कुल पंचायतें | इंटरनेट से जुड़ी पंचायतें |
उत्तर प्रदेश | 58189 | 5014 |
उत्तराखंड | 7791 | 1010 |
राजस्थान | 11279 | 7319 |
मध्य प्रदेश | 23066 | 3555 |
पंजाब | 13241 | 9483 |
हरियाणा | 6220 | 3570 |
गुजरात | 14359 | 11167 |
छत्तीसगढ़ | 11659 | 4891 |
हिमाचल प्रदेश | 3615 | 302 |
बिहार | 8160 | 3463 |