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Skill Development Scam: चंद्रबाबू नायडू को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, कौशल विकास घोटाला मामले में चार हफ्तों की अंतरिम जमानत

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को 24 नवंबर तक सशर्त जमानत दे दी है। उन्हें 24 नवंबर को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। कोर्ट मुख्य जमानत याचिका पर 10 नवंबर को बहस सुनेगी।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 31 Oct 2023 12:06 PM (IST)
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चंद्रबाबू नायडू को हाई कोर्ट से चार हफ्तों की अंतरिम जमानत।

एएनआई, अमरावती: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें कौशल विकास घोटाले मामले में चार हफ्तों की अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को 24 नवंबर तक के लिए सशर्त जमानत दी है।

24 नवंबर को करना होगी आत्मसमर्पण

कोर्ट की ओर से जारी जमानत के आदेश में नायडू को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें चार हफ्तों बाद (24 नवंबर) को आत्मसमर्पण करना होगा। मामले में कोर्ट मुख्य जमानत याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगी। साथ ही निर्देश है कि नायडू चिकित्सीय जांच के लिए सिर्फ अस्पताल जा सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी भी अन्य कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं होगी। हाई कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा न लेने का आदेश दिया है।

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— ANI (@ANI) October 31, 2023

10 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को राज्य के कौशल विकास निगम से जुड़े कथित 371 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में 10 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह राजमुंदरी सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

अवैध लाइसेंसिंग मामले में भी हैं आरोपी

आपराधिक जांच विभाग द्वारा चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी ने प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया था। साथ ही टीडीपी समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प की खबरें भी सामने आईं थीं। नायडू को अपने शासन काल में शराब कंपनियों को कथित तौर पर अवैध लाइसेंस देने के मामले में भी आरोपी बनाया गया है।

विशेष अदालत में लगाई थी गुहार

दरअसल, पिछले हफ्ते चंद्रबाबू नायडू ने एक विशेष अदालत को पत्र लिखकर जेल में सुरक्षा खामियों को उजागर किया था। साथ ही उन्होंने जेल में बेहतर व्यवस्था की अपील करते हुए मांग रखी थी कि उन्हें Z+ श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया जाए, जैसे की उन्हें जेल के बाहर प्राप्त है।

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