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चंद्रयान-2 ने पहली बार चंद्रमा पर सोडियम का पता लगाया, इसरो के आर्बिटर में लगे एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर को सफलता

इसरो के चंद्रयान-2 आर्बिटर में लगे एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर क्लास ने बड़ी सफलता हासिल की है। इसने पहली बार चंद्रमा की सतह पर प्रचुर मात्रा में सोडियम का पता लगाया है। चंद्रयान-1 एक्स-रे फ्लूरोसेंस स्पेक्ट्रोमीटर (सी1एक्सएस) ने सोडियम का पता लगाया था।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sat, 08 Oct 2022 11:07 PM (IST)
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Chandrayaan 2 detected sodium on Moon: चंद्रमा की सतह पर प्रचुर मात्रा में सोडियम का पता चला है।

बेंगलुरु, पीटीआइ। इसरो को एक बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसके चंद्रयान-2 आर्बिटर में लगे एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर 'क्लास' ने पहली बार चंद्रमा की सतह पर प्रचुर मात्रा में सोडियम का पता लगाया है। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-1 एक्स-रे फ्लूरोसेंस स्पेक्ट्रोमीटर (सी1एक्सएस) ने सोडियम का पता लगाया था। इससे चांद पर सोडियम की मात्रा का पता लगाने का रास्ता खुल गया है।

चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में सोडियम का पता चला

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, 'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान-2 ने पहली बार 'क्लास' (चंद्रयान-2 लार्ज एरिया साफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर) का उपयोग कर चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में सोडियम का पता लगाया है। बेंगलुरु में इसरो के यूआर राव उपग्रह केंद्र में 'क्लास' का निर्माण किया गया है। अपनी उच्च संवेदी क्षमता और दक्षता के कारण यह सोडियम लाइन के स्पष्ट साक्ष्य उपलब्ध कराता है।

आसानी से सतह से निकाला जा सकता है बाहर

अध्ययन के अनुसार, ऐसा हो सकता है कि चंद्रमा पर सोडियम होने के संकेत संभवत: सोडियम अणुओं की एक पतली परत से भी मिले हों, जो खनिज के कणों से कमजोर रूप से जुड़े होते हैं। अगर ये सोडियम चंद्रमा के खनिजों का हिस्सा हैं, तो इन सोडियम अणुओं को सौर वायु या पराबैंगनी विकिरण के जरिये अधिक आसानी से सतह से बाहर निकाला जा सकता है।

इस अध्‍ययन से यह होगा लाभ 

इस नई जानकारी से 'एक्सोस्फीयर' के बारे में नया अध्ययन करने का मौका मिलेगा। इससे हमारे सौरमंडल में तथा उसके आगे बुध ग्रह और अन्य वायु रहित पिंडों के लिए ऐसे ही माडल विकसित करने में मदद मिलेगी।

चंद्रमा के महीन वातावरण में सोडियम की मौजूदगी

जिस क्षेत्र में अणु भी मुश्किल से मिलते हैं, वहां मिला सोडियम इसरो ने कहा, सोडियम में दिलचस्पी पैदा करने वाला एक रोचक पहलू चंद्रमा के महीन वातावरण में इसकी मौजूदगी है। यह इतना तंग क्षेत्र है कि वहां अणु भी विरले ही कभी मिलते हैं। इस क्षेत्र को 'एक्सोस्फीयर' कहा जाता है। यह चंद्रमा की सतह से शुरू होकर हजारों किलोमीटर तक फैला होता है।

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