Chandrayaan-2: लैंडिंग के बाद अहम होंगे यह 4 घंटे, जानिए इस दौरान क्या-क्या होगा
आज रात भारत का चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरने वाला है। जानिए क्यों अहम हैं उसके लैंडिंग के बाद के 4 घंटे और इस दौरान आखिर क्या-क्या होने वाला है।
By Shashank PandeyEdited By: Updated: Fri, 06 Sep 2019 08:55 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारत का बहुप्रतीक्षित मून मिशन 'चंद्रयान-2' आज देर रात चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। देश से लेकर पूरी दुनिया को उस पल का इंतजार है। शुक्रवार की रात भारत का चंद्रयान-2, चांद की सतह पर उतरेगा। जैसे ही चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरेगा भारत का नाम इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम(Lander Vikram) जब चांद की सतह पर उतरेगा तो इस दौरान कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। लैंडिंग की प्रक्रिया शुक्रवार रात(6 सितंबर) को शुरू होगी जो शनिवार सुबह(7 सितंबर) तक खत्म हो जाएगी। लेकिन यही पल चंद्रयान-2 मिशन के लिए बेहद अहम होंगे। चंद्रयान 2 मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि पहली बार भारत, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है।चंद्रयान 2: ऐसी पूरी होगी प्रक्रिया
1:30 AM
चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर 'विक्रम' करीब 35 किमी की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।ऐसा पहली बार होगा जब कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा। 1:55 AM
लैंडर 'विक्रम' रात करीब 1 बजकर 55 मिनट पर दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद दो क्रेटर( गड्ढ़ों) मैंजिनस-सी और सिंपेलियस-एन के बीच लैंड करेगा। सिर्फ 6 किमी ऊंचाई से विक्रम 2 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से वहां उतरेगा। यहां कुल 15 मिनट का समय लगेगा।
चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर 'विक्रम' करीब 35 किमी की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।ऐसा पहली बार होगा जब कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा। 1:55 AM
लैंडर 'विक्रम' रात करीब 1 बजकर 55 मिनट पर दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद दो क्रेटर( गड्ढ़ों) मैंजिनस-सी और सिंपेलियस-एन के बीच लैंड करेगा। सिर्फ 6 किमी ऊंचाई से विक्रम 2 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से वहां उतरेगा। यहां कुल 15 मिनट का समय लगेगा।
3:55 AM
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के करीब 2 घंटे बाद लैंडर विक्रम का रैंप खुलेगा। इसी के जरिए 6 पहियों वाला रोवर 'प्रज्ञान' चांद की सतह पर उतर जाएगा। 5:05 AM
चांद की सतह पर उतरने के बाद रोवर प्रज्ञान का सोलर पैनल खुलेगा। यह अहम प्रक्रिया है क्योंकि इसी सोलर पैनल के लिए जरिए प्रज्ञान अपनी ऊर्जा हासिल करेगा। 5:10 AM
इस दौरान रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर चलना शुरू करेगा।इस दौरान उसकी रफ्तार 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड रहेगा। वह चांद की सतह पर 14 दिनों तक यात्रा करेगा। इस रोवर प्रज्ञान को 500 मीटर की दूरी तय करेगा। पृथ्वी तक ऐसे पहुंचेगी जानकारी
बता दें, 27 किलो के प्रज्ञान रोवर पर चंद्रयान-2 मिशन की पूरी जिम्मेदारी है। वह चांद की सतह पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेगा और इसकी जानकारी विक्रम लैंडर को भेजेगा। विक्रम वहां से यह जानकारी ऑर्बिटर को भेजेगा और फिर सीधा ये डाटा चांद से पृथ्वी पर इसरो सेंटर तक पहुंचेगा। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 15 मिनट का समय लगेगा। इसका मतलब ये हुआ कि चंद्रमा से पृथ्वी तक यह जानकारी पहुंचने में 14 मिनट लगेंगे। बता दें, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा आज सामने होगा और इस पल के साक्षी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बनेंगे।पीएम मोदी शुक्रवार देर रात को ही बेंगलुरु के ISRO सेंटर में पहुंचेंगे, जहां पर वह स्कूली बच्चों के साथ इस पल को देखेंगे।बेहद अहम 'प्रज्ञान'चांद पर 14 दिन तक यात्रा पर रहेगा।चांद की सतह पर 500 मीटर की दूरी तय करेगा।27 किलो के इस खास रोबोट पर मिशन की जिम्मेदारी होगी।चांद पर रहते हुए यह विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।इसे भी पढ़ें: Chandrayaan 2: अंतिम 15 मिनट की 15 चुनौतियों पर टिका है ISRO का Moon Missionइसे भी पढ़ें: Chandrayaan-2: जानें- कैसे होगी चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के करीब 2 घंटे बाद लैंडर विक्रम का रैंप खुलेगा। इसी के जरिए 6 पहियों वाला रोवर 'प्रज्ञान' चांद की सतह पर उतर जाएगा। 5:05 AM
चांद की सतह पर उतरने के बाद रोवर प्रज्ञान का सोलर पैनल खुलेगा। यह अहम प्रक्रिया है क्योंकि इसी सोलर पैनल के लिए जरिए प्रज्ञान अपनी ऊर्जा हासिल करेगा। 5:10 AM
इस दौरान रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर चलना शुरू करेगा।इस दौरान उसकी रफ्तार 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड रहेगा। वह चांद की सतह पर 14 दिनों तक यात्रा करेगा। इस रोवर प्रज्ञान को 500 मीटर की दूरी तय करेगा। पृथ्वी तक ऐसे पहुंचेगी जानकारी
बता दें, 27 किलो के प्रज्ञान रोवर पर चंद्रयान-2 मिशन की पूरी जिम्मेदारी है। वह चांद की सतह पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेगा और इसकी जानकारी विक्रम लैंडर को भेजेगा। विक्रम वहां से यह जानकारी ऑर्बिटर को भेजेगा और फिर सीधा ये डाटा चांद से पृथ्वी पर इसरो सेंटर तक पहुंचेगा। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 15 मिनट का समय लगेगा। इसका मतलब ये हुआ कि चंद्रमा से पृथ्वी तक यह जानकारी पहुंचने में 14 मिनट लगेंगे। बता दें, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा आज सामने होगा और इस पल के साक्षी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बनेंगे।पीएम मोदी शुक्रवार देर रात को ही बेंगलुरु के ISRO सेंटर में पहुंचेंगे, जहां पर वह स्कूली बच्चों के साथ इस पल को देखेंगे।बेहद अहम 'प्रज्ञान'चांद पर 14 दिन तक यात्रा पर रहेगा।चांद की सतह पर 500 मीटर की दूरी तय करेगा।27 किलो के इस खास रोबोट पर मिशन की जिम्मेदारी होगी।चांद पर रहते हुए यह विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।इसे भी पढ़ें: Chandrayaan 2: अंतिम 15 मिनट की 15 चुनौतियों पर टिका है ISRO का Moon Missionइसे भी पढ़ें: Chandrayaan-2: जानें- कैसे होगी चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग