Chandrayaan-3: चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग, कब क्या हुुआ? पढ़ें पूरी टाइमलाइन
Chandrayaan 3 Landing चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के बाद देशभर में जश्न का माहौल है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चांद पर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की विक्रम लैंडर को चांद पर सफल लैंडिंग करने के बाद बाद इसरो सहित पूरे देशवासियों को बधाई दी है।
By Mahen KhannaEdited By: Mahen KhannaUpdated: Wed, 23 Aug 2023 06:29 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Chandrayaan 3 Update भारत के मून मिशन के सपने को साकार करने में लगा चंद्रयान-3 अब चांद पर पहुंच गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चांद पर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग हो गई है।
आइए जानें मिशन की पूरी टाइमलाइन।
ये है पूरी टाइमलाइन
- 14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था और पृथ्वी के चारों ओर इच्छित अण्डाकार कक्षा में इंजेक्ट किया।
- 15 जुलाई को इसरो ने अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की ओर बढ़ाने वाली पहली प्रक्रिया (अर्थबाउंड फायरिंग -1) पूरी की।
- 1 अगस्त को चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा से निकालकर चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ाया गया।
- 5 अगस्त को यान चंद्रमा की पहली 40 हजार किमी वाले कक्षा में में प्रवेश किया।
- 6 अगस्त को इसने दूसरे 20 हजार वाले कक्षा में प्रवेश किया।
- 9 अगस्त को तीसरी कक्षा बदलकर यह 5 हजार किमी वाले कक्षा में स्थापित हुआ और इसके बाद यह 14 अगस्त को चौथे कक्षा में 1 हजार किमी में प्रवेश किया।
- 16 अगस्त को कक्षाओं में बदलाव कर यह चंद्रमा के सबसे निकट 100 किमी वाली कक्षा में स्थापित हुआ।
- 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल से लैंडर और रोवर अलग हो गए। लैंडर चंद्रमा की सतह की ओर आगे बढ़ रहा है।
- 18 अगस्त को विक्रम लैंडर डिबूस्टिंग प्रक्रिया से गुजरा, जो सफल रहा।
- 20 अगस्त को लैंडर ने दूसरी बार डिबूस्टिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की और चांद के काफी करीब पहुंच गया है।
- 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा।
विक्रम लैंडर की ये है खासियत
विक्रम लैंडर काफी खास और उपयोगी अंतरिक्षयान है। इसमें ऐसे यंत्र लगे हैं जो चांद पर प्लाज्मा, सतह की गर्मी, पानी की मौजूदगी की उम्मीद, भूकंप और चांद की डायनेमिक्स की स्टडी करेंगे।