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Chandrayaan 3: भारत का जोश हाई, शाम 6 बजकर 4 मिनट पर ISRO रचेगा इतिहास, जानिए मिशन से जुड़ी 10 खास बातें

Chandrayaan 3 चांद की दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए पूरी तैयार है। इसरो ने जानकारी दी कि लैंडर विक्रम को शाम 604 बजे चांद की सतह पर लैंड कराने का प्रयास किया जाएगा। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए देश के कई राज्यों में स्कूल खुले रहेंगे। आइए इस मिशन से जुड़े 10 महत्वपूर्ण जानकारी को समझ लें।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 23 Aug 2023 09:09 AM (IST)
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Chandrayaan 3: समझ लें चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें।(फोटो सोर्स: जागरण)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए लैंडर विक्रम पूरी तरह तैयार है। पूरी दुनिया की निगाह इस समय चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3) पर है। अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत आज एक मील के पत्थर को छूने जा रहा है, जिसकी परिकल्पना इसरो के वैज्ञानिकों ने कई सालों पहले किया था। आइए सबसे पहले इस मिशन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण जानकारी को समझ लें।

ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए दुनिया तैयार

1- इसरो ने जानकारी दी कि लैंडर विक्रम को शाम 6:04 बजे चांद की सतह पर लैंड कराने का प्रयास किया जाएगा। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए देश के कई राज्यों में स्कूल खुले रहेंगे। आज दुनिया की निगाह इसरो की ओर है।

बता दें कि इस समय 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। वो इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होंगे।

रूस का मून मिशन हुआ फेल

2- रविवार(20 अगस्त) को रूस का मून मिशन एयरक्राफ्ट 'लूना-25 (Luna-25) चांद की सतह से क्रैश कर गया था। बता दें कि साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान विक्रम लैंडर भी सॉफ्ट लैंडिंग करने में असफल हो गया था।

इसरो को है पूरी विश्वास 

3- इसरो को पूरा यकीन है कि चाहे कितनी भी बाधाएं उत्पन्न हो लेकिन इस बार चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होकर रहेगी।

भारत रचेगा इतिहास

4- चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर कदम रखने वाला भारत दुनिया का सबसे पहला देश बन जाएगा।  

कहां देखें सीधा प्रसारण 

5- सॉफ्ट लैंडिंग कार्यक्रम का सीधा प्रसारण शाम 5:20 मिनट से इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और डीडी नेशनल पर शुरू होगा। इस कार्यक्रम से जुड़ी सबसे तेज जानकारी के लिए आप जागरण के लाइव ब्लॉग को भी फॉलो कर सकते हैं।

आसान नहीं दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर को लैंड कराना

6- चांद की दक्षिणी ध्रुव लैंड करना किसी भी लैंडर के लिए आसान नहीं है। इस क्षेत्र में कई बढ़े गड्ढे हैं, जिसकी ज्यादा जानकारी दुनिया में किसी के पास नहीं है, इसलिए पूरी सावधानी के साथ लैंडिंग स्पॉक का चयन किया गया है। वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि इस क्षेत्र में पानी और कई खनिज पदार्थ मौजूद हैं। 

7- अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा की सतह पर भारतीय रोवर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।

8- इसरो ने मंगलवार को कहा कि मिशन तय समय पर है और सिस्टम की नियमित जांच हो रही है।

14 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3 

9- 14 जुलाई को एलवीएम 3 हेवी-लिफ्ट रॉकेट के जरिए चंद्रयान 3 को लॉन्च किया गया था।

10- चंद्रयान मिशन के बाद इसरो का अगला बड़ा प्रोजेक्ट आदित्य एल 1 मिशन (Aditya L1 Mission) है, जो अंतरिक्ष में जाकर सूर्य की स्टडी करेगा।