Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल के पास भूकंपीय खतरे की संभावना! वैज्ञानिकों ने निकाला तोड़
Chandrayaan 3 Landing भारत चांद पर बड़ी उपलब्धि हासिल करने के सबसे करीब पहुंच गया है। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है और जल्द ही लैंडिंग करेगा। भारत चांद पर बड़ी उपलब्धि हासिल करने की दहलीज पर खड़ा है। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है और जल्द ही लैंडिंग करेगा।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 22 Aug 2023 05:29 PM (IST)
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। Chandrayaan 3 Landing Spot: चंद्रयान-3 अपनी मंजिल के बहुत ही करीब पहुंच चुका है। इसरो की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, 23 अगस्त, 2023 की शाम 06 बजकर 04 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा।
140 करोड़ भारतीय और दुनिया इस समय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को सफलतापूर्वक सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग करते देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
काफी उबड़-खाबड़ है दक्षिणी ध्रुव
गौरतलब है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का इलाका काफी उबड़-खाबड़ है, जिससे चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) के लिए सॉफ्ट लैंडिंग करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। दक्षिणी ध्रुव पर तापमान बहुत ही कम रहता है। जानकारी के मुताबिक, आमतौर पर इस क्षेत्र का तापमान -414F (-248C) तक गिर जाता है। क्योंकि चंद्रमा की सतह को गर्म करने के लिए कोई वातावरण नहीं है। इस पूरी तरह से अज्ञात दुनिया में किसी भी इंसान ने कदम नहीं रखा है।पिछले 4 वर्षों में चांद के दक्षिणी-ध्रुव लैंडिंग के तीन प्रयास सतह पर उतरने के कुछ मिनट से ठीक पहले विफल हो गए। इसमें भारत का चंद्रयान -2 मिशन (Chandrayaan 2 Mission), जापान और एक इजरायली गैर-लाभकारी संस्था का मिशन शामिल है।
चंद्र ध्रुवों पर मिले हैं पानी के मॉलिक्यूल्स
चंद्रमा के ऊबड़-खाबड़ इलाके का दक्षिणी ध्रुव तापमान में गिरावट रहने के कारण अरबों वर्षों से लगातार अंधेरे की छाया में है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने पहले यहां पानी की बर्फ की उपस्थिति की खोज की थी। 2009 में, चंद्रयान -1 के चंद्रमा प्रभाव जांच और नासा के चंद्रमा खनिज विज्ञान मैपर के साथ हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग कैमरे ने चंद्र ध्रुवों में पानी के मॉलिक्यूल्स की जानकारी दी थी।