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Chandrayaan-3 Mission: 'चांद पर 'प्रज्ञान' की सेंचुरी', सौर मिशन के बाद ISRO ने दी एक और अच्छी खबर

Chandrayaan-3 Mission चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद से ही प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) का चंद्रमा पर मिशन जारी है। प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा से कई अहम जानकारी इसरो (ISRO) को भेजी है जिससे वहां की स्थिति के बारे में लगातार पता चल पाया है। इस बीच प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है।

By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 02 Sep 2023 02:09 PM (IST)
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Chandrayaan-3 Mission: 'चांद पर 'प्रज्ञान' की सेंचुरी', सौर मिशन के बाद ISRO ने दी एक और अच्छी खबर (फोटो इसरो)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद से ही प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) का चंद्रमा पर मिशन जारी है। प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा से कई अहम जानकारी इसरो (ISRO) को भेजी है, जिससे वहां की स्थिति के बारे में लगातार पता चल पाया है। इस बीच प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है।

स्लीप मोड में डाला जाएगा प्रज्ञान रोवर

इसरो प्रमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम को एक या दो दिन के अंदर स्लीप मोड में डाल दिया जाएगा क्योंकि चंद्रमा पर रात हो जाएगी और इसके कारण ही रोवर के स्लीप मोड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

चंद्रयान-3 को लेकर ISRO ने दी एक और अच्छी खबर

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर अभी तक अच्छी तरह से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रज्ञान रोवर ने लैडर विक्रम से 100 की दूरी को तय कर लिया है। इसरो प्रमुख ने यह जानकारी भारत के पहले सौर मिशन आदित्य एल-1 की सफल लॉन्चिंग के दौरान दी।

पहली बार मापा गया चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव का तापमान

बता दें कि भारत के चंद्रयान-3 मिशन की बदौलत पहली बार चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के तापमान के बारे में पता लगाया है। लैंडर विक्रम पर लगे पेलोड चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्र सतह के तापमान का प्रोफाइल ग्राफ भेजा था। इसमें गहराई में वृद्धि के साथ तापमान में बदलाव को दर्शाया गया है। सतह के ऊपर सामान्यतया 50-60 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान था, जबकि दक्षिण ध्रुव का अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेंटीग्रेड है।

प्रज्ञान ने की चंद्रमा के क्षेत्र में गंधक होने की पुष्टि

इसके अलावा इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि परीक्षणों के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की है। यह ऐसी पहली ऐतिहासिक खोज है जो चंद्रमा की उत्पत्ति का सुराग दे सकती है और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भी इसका गहरा महत्व है।