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Chandrayaan-3 Mission: चांद पर असाइनमेंट पूरा कर स्लीप मोड में गया रोवर, इस दिन से फिर शुरू होगा काम

Chandrayaan-3 Mission इसरो ने चंद्रयान-3 से जुड़ी एक अहम जानकारी दी है। इसरो प्रमुख ने शनिवार रात को बताया कि चांद की सतह पर रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि कार्य पूरा करने के बाद रोवर स्लीप मोड में चला गया है। इससे पहले इसरो ने बताया था कि रोवर एक या दो दिनों के अंदर स्लीप मोड में जाएगा।

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 03 Sep 2023 01:53 AM (IST)
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चंद्रयान-3 मिशन: रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Chandrayaan 3 Mission: इसरो ने चंद्रयान-3 से जुड़ी एक अहम जानकारी दी है। इसरो प्रमुख ने शनिवार रात को बताया कि चांद की सतह पर रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि कार्य पूरा करने के बाद रोवर स्लीप मोड में चला गया है।

रोवर को किया गया पार्क

इसरो प्रमुख ने कहा कि प्रज्ञान रोवर को सुरक्षित ढंग से पार्क कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एपीएक्सएस और एलआईबीएस पेलोड भी अब बंद हैं। इन्हीं पेलोड से लैंडर के माध्यम से चांद की सतह से जानकारी इकट्ठा कर उसे धरती तक भेजी जाती है।  

चांद पर अगले सूर्योदय का इंतजार

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। इसरो ने कहा कि अब 22 सितंबर को चांद पर सूर्योदय होगा, और सोलर पैनल को इसका इंतजार रहेगा। उसने बताया कि रिसीवर रिसीवर चालू है। साथ ही इसरो ने उम्मीद जताई कि अगले असाइनमेंट के लिए रोवर सफलतापूर्वक स्लीप मोड से बाहर आएगा।ॉ

इससे पहले इसरो प्रमुख ने बताया था कि प्रज्ञान रोवर को एक या दो दिन के अंदर स्लीप मोड में डाल दिया जाएगा, क्योंकि चंद्रमा पर रात हो जाएगी। अब चांद पर सूर्योदय का इंतजार है, तभी रोवर अपने अगले टास्क को पूरा करेगा। 

रोवर ने जुटाई कई तरह की जानकारी

बता दें कि भारत का चंद्रयान-3 मिशन अब तक सफलापूर्वक अपना काम पूरा कर रहा है। चंद्रयान-3 के रोवर ने चांद की सतह पर कई तरह की जानकारी जुटाई है और उस जानकारी को इसरो के वैज्ञानिकों को भेजी गई है। रोवर ने चांद पर ऑक्सीजन, सल्फर, आयरन सहित कई पदार्थों के होने के सबूत जुटाए थे। 

23 अगस्त को हुई थी चांद पर लैंडिंग

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसने अपनी 40 दिनों की यात्रा तय करने के बाद 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की थी। सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बना।