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Chandrayaan-3: लैंडर मॉड्यूल की दूसरी बार डिबूस्टिंग सफल, अब चंद्रमा पर लैंडिंग ही अगला लक्ष्य

Chandrayaan-3 News चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के लिए दूसरे डी-ऑर्बिटिंग को आज सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इसरो ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल के लिए दूसरा डी-ऑर्बिटिंग युद्धाभ्यास आज (20 अगस्त 2023) को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। अब लैंडर मॉड्यूल की कक्षा 25 किमीx 134 किमी है।

By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 20 Aug 2023 09:50 AM (IST)
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Chandrayaan-3: चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3 (फोटो इसरो)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने आज अपने दूसरे और अंतिम डी-ऑर्बिटिंग को पूरा कर लिया। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी दी।

चांद की नई निकटतम कक्षा में स्थापित हुआ लैंडर

इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम ने खुद को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर लिया है जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु 25 किमी और सबसे दूर 134 किमी है। इसरो ने कहा है कि इसी कक्षा से यह बुधवार को चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा।

23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सकता है लैंडर

इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल के लिए दूसरा डी-ऑर्बिटिंग आज (20 अगस्त, 2023) को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। अब लैंडर मॉड्यूल की कक्षा 25 किमीx 134 किमी है। इसरो ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल (एलएम) उम्मीद के मुताबिक सही तरह से काम कर रहा है। लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त, 2023 को 17:30-18:30 बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है।

बता दें कि चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल और लैंडर माड्यूल को गुरुवार को अलग किया गया था। भारत के चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डी-बूस्टिंग ऑपरेशन आज सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। लैंडर विक्रम ने खुद को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर लिया है, जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु 25 किमी और सबसे दूर 134 किमी है।

यान ने भेजी थी धरती की तस्वीरें

इससे पहले 10 अगस्त को इसरो ने जानकारी दी थी कि चंद्रयान के लैंडर इमेजर (LI) कैमरे से धरती और चांद की फोटो सामने आई है। चंद्रयान-3 ने फोटो चंद्रमा की तीसरी ऑर्बिट में पहुंचने के एक दिन बाद लैंडर हॉरिजोंटल विलोसिटी (LHVC) कैमरे से ली थी।

14 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3

उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इसने 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश किया था। इसरो चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए प्रयास कर रहा है, जिससे भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।