Chandrayaan-3: चंद्रमा की सतह से अब केवल 150 किमी दूर चंद्रयान-3, आज का दिन है बेहद खास
Chandrayaan-3 distance from Moon चंद्रयान 3 के लिए आज का दिन काफी अहम है। आज प्रोपल्शन माड्यूल व लैंडर माड्यूल को अलग करने की तैयारी होगी। 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की तैयारी है। चंद्रमा की सतह से चंद्रयान-3 की दूरी अब केवल 150 किलोमीटर है। अगर सब कुछ योजना के तहत होता है तो भारत बड़ा इतिहास रच सकता है।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Thu, 17 Aug 2023 08:18 AM (IST)
बेंगलुरु, एजेंसी। भारत चांद की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश बनने के और करीब पहुंच गया है। देशवासियों की नजरें इसी पर टिकी हैं। चंद्रमा की सतह से चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 distance from Moon) की दूरी अब महज 150 किलोमीटर है। भारत के तीसरे चंद्रमा अभियान चंद्रयान-3 ने बुधवार को अंतिम बार अपनी कक्षा में बदलाव किया। आज प्रोपल्शन माड्यूल व लैंडर माड्यूल को अलग करने की तैयारी होगी। 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की तैयारी है।
चंद्रयान-3 की कक्षा चौथी बार बदली
पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा चौथी बार बदली गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स पर पोस्ट किया,
चंद्रयान-3 के चंद्रमा तक पहुंचने की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। हमारी आशा के मुताबिक चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया। चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब प्रोपल्शन माड्यूल और लैंडर अलग होने के लिए तैयार हैं।
चंद्रयान से जुड़ी जरूरी बातें...
- चंद्रमा की सतह से चंद्रयान-3 की दूरी अब मात्र 150 किमी रह गई है।
- यान की कक्षा में अंतिम बदलाव हो गया है।
- लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान आज यान से होंगे अलग।
- 23 अगस्त को लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर कराई जाएगी सॉफ्ट लैंडिंग।
- 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 मिशन का अंतिम क्षण में रोवर से संपर्क टूटा था।
लैंडर विक्रम और रोवर होंगे अलग
इसरो द्वारा कहा गया है कि आज यानी 17 अगस्त को लैंडिंग माड्यूल, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं, प्रोपल्शन माड्यूल से अलग हो जाएंगे। इसके बाद लैंडर-रोवर की गति घटाने का प्रयास किया जाएगा। 23 अगस्त को यान के लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।