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Chandrayaan 3 के सॉफ्ट लैंडिंग से पहले आई खुशखबरी, प्रोपल्शन मॉड्यूल में बचा 150 किग्रा ईंधन, मिलेगा ये फायदा

चंद्रयान 3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर चांद के चक्कर लगा रहा है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मेन्यूवर सफलतापूर्वक हो चुका है और अब 23 अगस्त का इंतजार है। गौरतलब है कि अभी तक अमेरिका रूस और चीन ने ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की है।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 20 Aug 2023 01:12 PM (IST)
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चंद्रयान-3 को लेकर आई एक और गुड न्यूज
बेंगलुरु, ऑनलाइन डेस्क। 23 अगस्त को इसरो द्वारा विक्रम (लैंडर) को सॉफ्ट-लैंड करने का प्रयास करने से पहले ही चंद्रयान -3 से कुछ अच्छी खबरें आई हैं। दरअसल, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि 150 किलोग्राम से अधिक ईंधन बचे होने के कारण प्रोपल्शन मॉड्यूल, जिसकी शुरुआत समय में तीन-छह महीने का जीवन रहने की उम्मीद थी, उसकी अब कई वर्षों तक जीवित रहने की उम्मीद बन गई है।

उम्मीद से ज्यादा बचा मार्जिन ईंधन

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "इसमें बहुत अधिक ईंधन है, जो हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक है। इसमें बहुत सारा ईंधन बचा हुआ है, क्योंकि चंद्रमा के रास्ते में सब कुछ बहुत नाममात्र का था। हमारे पास लगभग सारा मार्जिन बचा हुआ है, जो कि लगभग 150+किग्रा है।"

अब तक मिशन में बहुत कम खर्च हुआ ईंधन

14 जुलाई को लॉन्च के समय प्रोपल्शन मॉड्यूल में 1,696.4 किलोग्राम ईंधन भरा हुआ था और लैंडिंग मॉड्यूल से अलग होने से पहले सभी भारी भरकम काम 15 जुलाई और 17 अगस्त के बीच पूरे कर लिए गए हैं। अब तक मिशन के अलग-अलग मेन्यूवर में कुछ मामूली सुधारों ने थोड़ी-बहुत ही ईंधन की खपत की होगी। हालांकि, इनमें से प्रत्येक ऑपरेशन में कितना ईंधन खर्च हुआ, इसका कोई हिसाब नहीं है।

ईंधन बचने से ये बड़ा फायदा

मॉड्यूल में अभी भी 150+ किलोग्राम ईंधन बचा हुआ है, यह तीन-छह महीने के प्रारंभिक डिजाइन अनुमान से कहीं अधिक समय तक चंद्रमा के चारों ओर घूम सकता है। इसरो का कहना है कि यह समय कई महीनों/वर्षों तक चांद के आसपास घूम सकता है। इसका मतलब यह है कि वैज्ञानिक उपकरण- स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेटरी अर्थ (SHAPE) को चंद्र सतह से पृथ्वी की विशेषताओं के लिए अध्ययन करने के लिए अधिक समय मिल जाएगा।

अपने मंजिल के बेहद करीब चंद्रयान-3

 लैंडिंग मॉड्यूल, जिसमें विक्रम और प्रज्ञान (रोवर) शामिल हैं, ने रविवार सुबह 2 बजे एसटीओआई के प्रिंट होने के बाद दूसरे डीबूस्ट मेन्यूवर का प्रयास किया होगा। यदि यह सफल होता है, तो विक्रम सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा। चंद्रयान-2 मिशन के दौरान अनुमानित तौर पर मेन्यूवर के अंत में 749 किलोग्राम से अधिक ईंधन की आवश्यकता पड़ी थी। चंद्रयान-3 मॉड्यूल से इस चरण में समान मात्रा में ईंधन या थोड़ा अधिक ईंधन खर्च होने की उम्मीद है।

'डी-बूस्ट होगा मिशन का आखिरी ऑपरेशन'

सोमनाथ ने कहा, "अगर मेन्यूवर के बाद कुछ सुधार की आवश्यकता न हो तो, रविवार का डी-बूस्ट आखिरी ऑपरेशन होगा। यदि डी-बूस्ट योजना के अनुसार होता है, तो अगली कार्रवाई 23 अगस्त को होगी, जब हम लैंडिंग का प्रयास करेंगे।" रविवार के मेन्यूवर का उद्देश्य विक्रम के पेरिल्यून को मौजूदा 113 किमी x 157 किमी से घटाकर लगभग 30 किमी और अपोलून को लगभग 100 किमी करना होगा। चंद्रयान-2 के दौरान, दूसरे डीबूस्ट ने लैंडिंग मॉड्यूल को 35 किमी x 101 किमी की कक्षा में स्थापित किया था।

लैंडिंग के समय होगी ये चुनौती

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान के लैंडर मॉड्यूल को चांद पर लैंड कराने में सबसे बड़ी चुनौती उसे लैंडिंग से पहले मोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि जब लैंडर चांद की सतह पर लैंड करने के लिए उतरेगा तो, उसे लैंडिंग से पहले 90 डिग्री सेल्सियस पर मोड़कर लंबवत करना होगा। अगर यह आसानी से और सफलतापूर्वक हो जाता है, तो चांद की सतह पर लैंडिंग के चांस बढ़ जाएंगे।

ISRO ने किया पोस्ट

ISRO ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए चंद्रयान-3 के लैंडिंग का समय बताया है। पोस्ट में इसरो ने वेबसाइट भी शेयर किए है, जिसमें यान की लैंडिंग लाइव देखे जा सकते हैं।

इसरो ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए जानकारी दी है कि आखिर जिस मिशन पर सबकी नजर टिकी हुई है, वह कब पूरा होगा। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

इसरो के मुताबिक, 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 06.04 मिनट पर विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा।

इसका लाइव प्रसारण इसरो की आधिकारिक वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और डीडी नेशनल टीवी पर होगा।

इसरो का आधिकारिक वेबसाइट https://isro.gov.in है, जहां 23 अगस्त, 2023 को लाइव प्रसारण देख सकेंगे।

इस लिंक https://www.youtube.com/watch?v=DLA_64yz8Ss पर क्लिक कर के यूट्यूब पर लाइव प्रसारण देख सकते हैं।

फेसबुक पर https://facebook.com/ISRO लिंक के जरिए लाइव प्रसारण देख सकेंगे।

डीडी नेशनल पर इसका लाइव प्रसारण 23 अगस्त, 2023 को शाम 05.27 मिनट पर शुरू हो जाएगा।

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई, 2023 की दोपहर 2:35 बजे हुई थी।