Chandrayaan-3 मिशन को लीड करने वाली इकलौती महिला वैज्ञानिक रितु श्रीवास्तव, एक-एक चीजों पर रखी बारीकी से नजर
सभी की निगाहें 23 अगस्त पर टिकी हैं लेकिन इस मिशन के पीछे छिपे चेहरे के बारे में शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे। जैसे कृष्ण भगवान ने महाभारत युद्ध में पग-पग पर अर्जुन का मार्गदर्शन किया वैसे ही भारत के ये सात साइंटिस्ट चंद्रयान-3 को मिशन की हर स्टेज पर गाइड कर रहे हैं और चंद्रयान को चांद की सतह पर उतारने में तन-मन से लगे हुए हैं।
By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 21 Aug 2023 04:56 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Chandrayaan 3 Mission: 'मंजिल क्या है रास्ता क्या है, हौसला हो तो फासला क्या है', ये शायरी चंद्रयान 3 मिशन के लिए बिल्कुल सही बैठती है। 140 करोड़ भारतीयों इस समय 23 अगस्त का इंतजार बहुत बेसब्री से कर रहे हैं। अगर चंद्रयान-3 सफल रहा तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश होगा। वहीं, अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 मिशन नया इतिहास रचने से महज 2 दिन दूर है। 14 जुलाई को लांचिंग के बाद अब तक के सभी पड़ावों को पार करते हुए चंद्रयान-3 ने अपनी अंतिम डीबूस्टिंग (धीमा करने की प्रक्रिया) पूरी कर ली है। इस समय लैंडर माड्यूल चांद की सबसे करीबी कक्षा में पहुंच गया है। चांद से इसकी दूरी अब केवल 25 किमी रह गई है।
चंद्रयान-3 मिशन के 7 सारथी
सभी की निगाहें 23 अगस्त पर टिकी हैं, लेकिन इस मिशन के पीछे छिपे चेहरे के बारे में शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे। जिस तरह कृष्ण भगवान ने महाभारत युद्ध में पग–पग पर अर्जुन का मार्गदर्शन किया था, वैसे ही भारत के ये सात साइंटिस्ट चंद्रयान-3 को मिशन की हर स्टेज पर गाइड कर रहे हैं और चंद्रयान को चांद की सतह पर उतारने में तन–मन से लगे हुए हैं।भारत की रॉकेट वुमन
इन 7 में से एक साइंटिस्ट की इस समय काफी चर्चा भी हो रही है। लखनऊ की साइंटिस्ट रितु करिधल श्रीवास्तव जो भारत की रॉकेट वुमन के नाम से भी जानी जाती है, इस मिशन को लीड कर रही है। इतना बड़ा मिशन एक महिला के हाथों में सौंप कर भारत ने महिला सशक्तिकरण की एक नई मिशाल पेश की है। नवाबों के शहर में पैदा हुई रितु ने बचपन से ही रॉकेट साइंस और चांद-सितारों में दिलचस्पी रखी। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से फीजिक्स में एससी और एमएससी की पढ़ाई की। फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। 26 साल पहले यानी 1997 में रितु एक इंजीनियर के तौर पर इसरो में शामिल हुई।
दिन-रात चंद्रयान-3 मिशन के लिए किया काम
चंद्रयान-3 मिशन के डायरेक्टर मोहन कुमार के मुताबिक, पिछले 73 दिनों से साइंटिस्ट दिन-रात चंद्रयान-3 मिशन के लिए काम कर रहे थे। एक-एक चीजों पर बारीकी से दिन-रात काम करने वाले भारत के ये 7 साइंटिस्ट हैं-
इसरो चेयरमैन- श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ
इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक- रितु करिधल श्रीवास्तव