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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 मिशन के दो लक्ष्य पूरे, तीसरे पर काम जारी; वैज्ञानिक प्रयोग में जुटे लैंडर और रोवर

इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और साफ्ट लैंडिंग एवं रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करने के साथ ही इस चंद्रयान -3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से दो पूरे हो चुके हैं। तीसरे उद्देश्य के तहत प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रमा के रहस्यों की खोज में शिव शक्ति केंद्र के आसपास घूम रहा है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 27 Aug 2023 01:13 AM (IST)
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चंद्रयान-3 मिशन के तीन लक्ष्यों में से दो पूरे हो चुके हैंः इसरो। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, पीटीआई। चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग के बाद से लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान वैज्ञानिक प्रयोग में जुटे हुए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन लक्ष्यों में से दो पूरे हो चुके हैं। तीसरे उद्देश्य के तहत वहां वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं।

तीन में से दो उद्देश्य हुए पूरे

इंटरनेट मीडिया एक्स पर इसरो ने कहा,

चंद्रयान -3 मिशन: चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और साफ्ट लैंडिंग और रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करने के साथ ही इस मिशन के तीन उद्देश्यों में से दो पूरे हो चुके हैं। तीसरे उद्देश्य के तहत प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रमा के रहस्यों की खोज में शिव शक्ति केंद्र के आसपास घूम रहा है। प्रोपल्शन माड्यूल, लैंडर और रोवर पर लगे सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।

— ISRO (@isro) August 26, 2023

इसरो ने जारी किया प्रज्ञान के चहलकदमी का वीडियो

मालूम हो कि इसरो ने एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में प्रज्ञान चंद्रमा पर शिवशक्ति स्थल पर चहलकदमी करते हुए दिख रहा है।

— LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 MISSION (@chandrayaan_3) August 26, 2023

चंद्रमा की सतह को चूम कर इसरो ने रचा था इतिहास

इससे पहले चंद्रयान-3 के लैंडर माड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह को चूम कर इतिहास रचा था। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला राष्ट्र बन गया। अब तक अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं। लेकिन भारत से पहले कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच सका था।