Move to Jagran APP

Chandrayaan-3: चांद के दक्षिणी ध्रुव का तापमान देख ISRO वैज्ञानिक भी चौंके, बोले- इसकी उम्मीद नहीं थी

Chandrayaan 3 Update on Moon Temp चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद इतिहास में पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में नई जानकारियां सामने आई है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नई परिभाषा लिखने के बाद लैंडर और रोवर में लगे पेलोड ने अब चांद के तापमान के बारे में बताया है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 28 Aug 2023 11:10 AM (IST)
Hero Image
Chandrayaan 3 Update on Moon Temp चांद पर तापमान का लगा पता।
नई दिल्ली, एजेंसी। Chandrayaan 3 Update on Moon Temp चंद्रयान 3 के लैंडर की सफल लैंडिंग के चलते इतिहास में पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में एक बड़ी जानकारी सामने आई है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नई परिभाषा लिखने के बाद लैंडर और रोवर में लगे पेलोड चंद्रमा के रहस्यों का पता लगाने में जुटे हैं।

इसी क्रम में लैंडर विक्रम पर लगे पेलोड चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्र सतह के तापमान की जो प्रोफाइलिंग की है उससे विज्ञानी भी हैरान हैं। 

70 डिग्री सेल्सियस निकला अधिकतम तापमान

चांद के तापमान (Chandrayaan 3 Update on Moon Temp) को लेकर मिली ताजा जानकारी के बारे में बताते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विज्ञानी बीएचएम दारुकेशा ने कहा कि चंद्र सतह पर तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान था, लेकिन चंद्र सतह पर अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेल्सियस निकला जो उम्मीद से दोगुने से भी अधिक है। 

ISRO ने तापमान का ग्राफ जारी किया

विज्ञानी बीएचएम दारुकेशा ने कहा कि इतना तापमान होना आश्चर्यजनक है। पृथ्वी पर दो से तीन सेंटीमीटर गहराई में हमें तापमान में मुश्किल से दो से तीन डिग्री सेल्सियस का अंतर दिखता है, जबकि चंद्रमा पर यह लगभग 50 डिग्री सेल्सियस है।

तापमान का ग्राफ जारी करते हुए इसरो ने रविवार को एक्स पर पोस्ट किया, विक्रम लैंडर पर लगे चेस्ट पेलोड ने चंद्र सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए चेस्ट ने दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापा। 

चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास

इससे पहले चंद्रयान-3 के लैंडर माड्यूल (एलएम) ने बुधवार को चंद्रमा की सतह पर उतरकर इतिहास रचा था। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला देश बन गया।

अब तक अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं, लेकिन कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच सका था।

चेस्ट में लगे 10 सेंसर नाप रहे तापमान

चेस्ट पेलोड में उपकरण लगा है, जिसमें तापमान मापने के लिए 10 सेंसर हैं। यह उपकरण कंट्रोल एंट्री सिस्टम की मदद से सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। इस पेलोड को अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (एसपीएल) की टीम ने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अहमदाबाद के सहयोग से विकसित किया है।