Move to Jagran APP

Chandrayaan-3 Key Points: UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों को पता होनी चाहिए चंद्रयान-3 से जुड़ी ये 10 बड़ी बातें

देश के मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर देश का नाम रोशन कर दिया है। इस सफलता के बाद भारत को विशिष्ट अंतरिक्ष क्लब में शामिल कर लिया गया है। आइए जानते हैं अपने यान की उन 10 प्रमुख बातों को जो हर व्यक्ति को खासतौर से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अवश्य पता होनी चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 24 Aug 2023 06:15 AM (IST)
Hero Image
Chandrayaan-3 Key Points: UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों को पता होनी चाहिए
नई दिल्ली, एजेंसी। देश के मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर देश का नाम रोशन कर दिया है। इस सफलता के बाद भारत को विशिष्ट अंतरिक्ष क्लब में शामिल कर लिया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने घोषणा में कहा कि अब हम चांद पर हैं।

इस खुशी और ऐतिहासिक पल के बीच हमें अपने चंद्रयान-3 के बारे में कुछे बड़ी बातों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आइए, जानते हैं अपने यान की उन 10 प्रमुख बातों को जो हर व्यक्ति को खासतौर से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अवश्य पता होनी चाहिए। 

1. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया है। बेंगलुरु में इसरो के वॉर रूम में भारी उत्साह के बीच शाम 6.04 बजे यान का टचडाउन हुआ। 

Chandrayan-3 को चांद तक पहुंचाने में UP के अभिषेक ने निभाई अहम भूमिका, कंधों पर थी लैंडिंग की जिम्मेदारी

2. जब चंद्रयान-3 को लॉन्च की तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका से ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां पीएम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण अनमोल और अभूतपूर्व है।

3. चंद्रयान-3 को इसरो का फॉलोअप मिशन भी कहा जा रहा है।

4. चंद्रयान चांद सबसे पहले चांद के चक्कर काटेगा और 100 किमी की दूरी पर लैंडर इससे अलग हो गया।

इसी लैंडर के अंदर छह पहियों वाला रोबोट है जो बाहर आया, जिसे रोवर कहते हैं।

5. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि इस सफलता के अगला मिशन गगनयान (मानव अंतरिक्ष उड़ान) है। हम इसे सितंबर या अक्टूबर के पहले सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं। 

नोएडा की कंपनी में बने हैं Chandrayaan-3 के रोवर के कैमरे, दो आंखों से चांद पर रास्ता खोजेगा प्रज्ञान

6. विक्रम लैंडर से निकला रोवर प्रज्ञान को बाहर निकाला गया, इस प्रक्रिया में कुछ घंटों का समय लगा।

7. जिस क्षेत्र में पानी के निशान मिले हैं, उसमें चंद्र जल बर्फ की कुंजी होने की उम्मीद है, जो एक बेहद मूल्यवान संसाधन हो सकता है। चंद्रमा की सतह पर पानी है, इसका पता 2009 में इसरो के चंद्रयान-1 जांच पर नासा के एक उपकरण द्वारा लगाया गया था।

8. चंद्रमा पर पृथ्वी के 14 दिन, एक चंद्र दिवस के बराबर होता है। रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह से छवियां और डेटा भेजेगा।

10. चौदह दिनों के बाद रोवर की गतिविधि धीमी होने की संभावना है, यह देखते हुए कि यह सौर कोशिकाओं द्वारा संचालित है। मून रोवर लैंडर विक्रम और चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के संपर्क में रहेगा। लैंडर इसरो को डेटा रिले करेगा, जिसका रोवर से कोई सीधा संबंध नहीं है।

Chandrayaan 3 First Image: लैंडर विक्रम ने कराया चांद का दीदार, लैंडिंग के बाद आई चंद्रमा की पहली तस्वीर