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ISRO: चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने लैंडिंग के वक्त किया था कमाल, हटाई थी कई टन मून डस्ट

चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया था। लैंडिंग की फाइनल स्टेज में थ्रस्टर्स के कारण स्तह पर मौजूद मून डस्ट भारी मात्रा में विस्थापित हुई थी। जिसके चलते शानदार इजेक्टा हेलो उत्पन्न हुआ।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 27 Oct 2023 03:58 PM (IST)
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लैंडर विक्रम ने लैंडिंग के वक्त 2.06 टन मून डस्ट को किया था विस्थापित।
एएनआई, नई दिल्ली। देश के चंद्रयान- 3 ने बीती 23 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल के पास सॉफ्ट लैंडिंग की थी। जिसके बाद अब इसरो ने एक और अच्छी खबर दी है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर मॉड्यूल ने लैंड करते वक्त इजेक्टा हेलो उत्पन्न किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि विक्रम लैंडर ने लगभग 2.06 टन मून डस्ट को 108.4 वर्ग मीटर के क्षेत्र में विस्थापित किया था।

बड़ी मात्रा में मून डस्ट हुई विस्थापित

इसरो ने एक्स पर विवरण के साथ दस्तावेज का एक लिंक भी साझा किया है। जिसमें बताया गया है कि 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल ने मून डस्ट का एक शानदार 'इजेक्टा हेलो' उत्पन्न किया। एनआरएससी/इसरो के वैज्ञानिकों का अनुमान है लगभग 2.06 टन मून डस्ट को लैंडिंग साइट के आसपास 108.4 m2 के क्षेत्र में विस्थापित हुई है।

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शानदार इजेक्टा हेलो हुआ उत्पन्न

इसरो द्वारा साझा किए गए दस्तावेज में बताया गया है कि चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया था। लैंडिंग की फाइनल स्टेज में थ्रस्टर्स के कारण स्तह पर मौजूद मून डस्ट भारी मात्रा में विस्थापित हुई थी। जिसके चलते शानदार 'इजेक्टा हेलो' उत्पन्न हुआ।

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ISRO की उड़ान को लगे पंख

गौरतलब है कि बीती 23 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम ने उस वक्त एक बड़ी छलांग लगाई, जब चंद्रयान -3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया। भारत यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश है। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश है।