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ISRO Chandrayaan: अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा है चंद्रयान-3, पढ़ें ISRO द्वारा शुरू किए गए मिशन की टाइमलाइन

Timeline of ISRO Chandrayaan Missions चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इससे पहले भी दो बार कोशिशें कर चुका था। हालांकि इस बार इस गेमचेंजर मिशन में कामयाबी हासिल हुई है। इससे पहले चंद्रयान -1 से चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि हुई थी।

By Mahen KhannaEdited By: Mahen KhannaUpdated: Wed, 23 Aug 2023 06:09 PM (IST)
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ISRO Chandrayaan Missions Timeline चंद्रयान 3 ने चांद पर की सफल लैंडिंग।

श्रीहरिकोटा, ऑनलाइनल डेस्क। ISRO Chandrayaan Missions Timeline इसरो ने आज चंद्रयान-3 को इतिहास रचते हुए चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग करा दी। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से भारत का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इससे पहले भी दो कोशिशें कर चुका था। हालांकि, इस बार इस मिशन को गेमचेंजर कहा जा रहा था, जो सही साबित हुआ। 

चंद्रमा मिशन को 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू करने की घोषणा की थी, आइए जानें इसकी पूरी टाइमलाइन...

भारत में मिशन चांद की तैयारी कब शुरू हुई?

  • 15 अगस्त, 2003: तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की थी।
  • 22 अक्टूबर, 2008: चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।
  • 8 नवंबर, 2008: चंद्रयान-1 ने चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ में प्रवेश किया।
  • 14 नवंबर, 2008: मून प्रोब चंद्रयान -1 से बाहर निकला और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि, चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि हुई।
  • 28 अगस्त, 2009: इसरो के अनुसार चंद्रयान 1 कार्यक्रम का अंत।
  • 22 जुलाई, 2019: चंद्रयान-2 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
  • 20 अगस्त, 2019: चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हुआ।
  • 2 सितंबर, 2019: विक्रम लैंडर 100 किलोमीटर की चंद्र ध्रुवीय कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा करते समय अलग हो गया था, हालांकि, चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर लैंडर से जमीनी स्टेशनों का कनेक्शन टूट गया।
  • 14 जुलाई, 2023: चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरने वाला है।
  • 24 अगस्त, 2023: इसरो के वैज्ञानिकों ने अस्थायी रूप से लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग निर्धारित की है, जो 23-24 अगस्त तक होने की उम्मीद है, जिससे भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाले विशिष्ट देशों में शामिल हो जाएगा।

चंद्रयान-3 का यह है लक्ष्य

चंद्रयान-3 के जरिए इसरो चांद पर पानी और खनिज की मौजूदगी का पता लगाना चाहता है। अगर, दक्षिणी ध्रुव पर पानी और खनिज मिलता है, तो यह विज्ञान के लिए बड़ी कामयाबी होगी। नासा के अनुसार, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ है और यहां कई और प्राकृतिक संसाधन भी मिल सकते हैं।