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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 को लेकर आया नया अपडेट, मंजिल के और करीब पहुंचा यान; ISRO ने घटाई कक्षा

चंद्रयान-3 1900 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चांद से 150 किलोमीटर दूर कक्षा में यात्रा कर रहा है। इसरो (ISRO) ने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान-3 ने कक्षा घटाए जाने का एक और चरण सफलतापूर्वक पूरा किया चंद्रमा की निकटवर्ती कक्षा में पहुंचा। चंद्रयान का ऑर्बिट सर्कुलेशन चरण चल रहा है और चंद्रयान-3 ने अंडाकार कक्षा से गोलाकार कक्षा में आना शुरू कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 14 Aug 2023 02:34 PM (IST)
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अपना मंजिल के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। इसरो ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद के चौथे ऑर्बिट में पहुंचा दिया है। अब चंद्रयान चांद के  150 km x 177 km वाली कक्षा के चक्कर लगा रहा है। इसरो का चंद्रयान-3 मिशन मंजिल के बेहद करीब पहुंच गया है।

16 अगस्त को अगली प्रक्रिया

इसरो ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "ऑर्बिट सेकुलराइजेशन चरण शुरू होता है। आज किए गए सटीक अभ्यास ने 150 किमी x 177 किमी की लगभग वृत्ताकार कक्षा हासिल की है। अगला अभियान 16 अगस्त 2023 को सुबह करीब साढ़े आठ बजे करने की योजना है।"

इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस मैनेजमेंट (आईएस8ओएम) के दायरे में चंद्रमा की कक्षा को कम करने के लिए किए गए प्रत्येक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण विश्लेषण किया जा रहा है ताकि प्रक्रिया को अंजाम देने से पहले अन्य चंद्र ऑर्बिटरों के साथ निकट संपर्क के संभावित जोखिमों का आकलन किया जा सके।

इसरो ने दी जानकारी

इसरो ने बताया कि 14 अगस्त की सुबह करीब बारह बजे चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को चालू कर दिया गया था, जिसकी मदद से चंद्रयान-3 ने आसानी से और सफलतापूर्वक कक्षा बदली। चंद्रयान-3, 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद से 150 किलोमीटर दूर कक्षा में यात्रा कर रहा है।

17 अगस्त इसरो के लिए बेहद अहम

अब अगली प्रक्रिया 16 अगस्त को शुरू की जाएगी और चंद्रयान-3 एक और कक्षा कम करके चांद के करीब पहुंच जाएगा। इसके बाद 17 अगस्त की तारीख इसरो के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग किया जाएगा।

अंत में 23 अगस्त को चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर लैंड करना है। हालांकि, अभी इसके लैंडिंग की जगह तय नहीं की गई है। लैंडिंग करने की जगह आने वाले दिनों में तय की जाएगी। अगर यह मिशन सफल हो जाता है तो, देश रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।