कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत को लेकर साउथ अफ्रीका के वन विभाग का बयान, कहा- कुछ भी असामान्य नहीं
विभाग ने बयान में कहा चीता सितंबर 2022 में नामीबिया से भारत के कूनो नेशनल पार्क में ट्रांसफर किए गए 8 स्तनधारियों में शामिल हो गया। कूनो नेशनल पार्क में अभी तक देखी गई दो चीतों की मौत इस तरह के प्रोजेक्ट में अपेक्षित मृत्यु दर की सीमा में है।
By AgencyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 28 Apr 2023 02:34 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। साउथ अफ्रीका के वन, मत्स्य पालन और पर्यावरण विभाग (DFFE) ने गुरुवार को कहा कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दो चीतों की मौत प्राकृतिक हैं। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। विभाग की तरफ से कहा गया कि यह मौतें इस तरह के प्रोजेक्ट में अपेक्षित मृत्यु दर की सीमा में है।
विभाग ने एक बयान में कहा, "चीता सितंबर 2022 में नामीबिया से भारत के कूनो नेशनल पार्क में ट्रांसफर किए गए आठ स्तनधारियों में शामिल हो गया। कूनो नेशनल पार्क में अभी तक देखी गई दो चीतों की मौत (एक नामीबिया से और एक दक्षिण अफ्रीका से) इस तरह के प्रोजेक्ट में अपेक्षित मृत्यु दर की सीमा में है।"
'चीतों में चोट और मृत्यु दर के जोखिम बढ़ रहे होंगे'
चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता की मेटा-आबादी का विस्तार करने और एक पूर्व रेंज राज्य में चीतों को फिर से पेश करने की पहल के तहत ट्रांसफर किया गया था। बयान में आगे कहा गया है, "बड़े मांसाहारी जीवों का को फिर से बसाने का काम बेहद जटिल और स्वाभाविक रूप से जोखिम भरा होता है। यह प्रोजक्ट का एक महत्वपूर्ण चरण है, चीतों को बड़े वातावरण में छोड़ा जा रहा है, जहां दिन-प्रतिदिन उनके लिए खतरे बढ़ते जा रहे हैं।" बयान में कहा गया कि चीतों में चोट और मृत्यु दर के जोखिम बढ़ रहे होंगे।
विभाग को चीतों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
विभाग चीतों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। हालांकि, अभी तक इस बात का कोई संकेत नहीं है कि चीतों की मौत संक्रामक बीमारी से हुई है, और इससे कूनो में मौजूद अन्य चीतों को कोई खतरा है।कूनो में अब तक दो चीतों की मौतबता दें, 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ और 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका 12 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे। इनमें से दो चीतों की मौत हो चुकी है। 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी की बीमारी से मौत हो गई थी। वहीं, बीते दिनों दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की बीमारी के चलते मौत हो गई है। मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया था कि उदय ने बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ा। कूनो में अब 18 चीते और चार शावक बचे हैं।