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छत्तीसगढ़: किस हाल में आदर्श ग्राम योजना, गोद लेने के बाद भूले सांसद; ऐसा है आदर्श ग्राम का हाल

कांकेर सांसद मोहन मंडावी ने नगरी ब्लाक के ग्राम पंचायत बेलरगांव को गोद लिया है लेकिन यहां भी फिलहाल कोई कार्य नहीं हुआ है। सांसद मंडावी ने कुछ दिनों पहले ही आदर्श गांव के विकास की योजना को लेकर अधिकारियों से चर्चा की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 19 May 2022 03:20 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ में सांसद संतोष पांडेय के गोद लिए गए ग्राम मातेखेड़ा की स्थिति। फाइल फोटो
संजीत कुमार, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सांसद आदर्श ग्राम की स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। सांसदों ने जिन गांवों को गोद लिया है, वहां विकास के लिए धन का इंतजार किया जा रहा है। हाल यह है कि तीन वर्ष में सांसदों के एक भी गांव आदर्श नहीं बन पाए हैं। प्रदेश में भाजपा के नौ और कांग्रेस के दो लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन अब तक आदर्श ग्राम को लेकर कोई भी सांसद अपनी उपलब्धि बताने की स्थिति में नहीं है। खानापूर्ति के लिए गांव को गोद तो ले लिया गया, लेकिन सांसद उस गांव में पिछले तीन वर्ष में तीन बार भी नहीं पहुंचे।

दुर्ग जिला है सबसे आगे: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले चार चरण में सांसदों ने 61 गांव का चयन किया था, जिसमें सिर्फ 20 गांव में प्रोजेक्ट पूरा हो पाया। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि वर्तमान सांसदों के गोद लिए 16 में से सिर्फ एक गांव में प्लान पूरा हुआ है। पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा दुर्ग जिले के गांवों को सांसदों ने गोद लिया है।

दुर्ग के 13 गांव, कोरबा-बलौदाबाजार के सात गांव, रायपुर, बलरामपुर, जशपुर के छह, बिलासपुर के पांच, राजनांदगांव, बालोद, रायगढ़, कोंडागांव और गरियाबंद के चार, कोरिया, सूरजपुर, जांजगीर, धमतरी, मुंगेली, कांकेर और कवर्धा के तीन-तीन गांव को सांसदों ने गोद लिया है। योजना के लिए अलग से कोई धन आवंटन नहीं किया जाता है। सांसदों को सांसद निधि से ही इसका विकास करना होता है। नहीं हो रही नियमित समीक्षा: पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आदर्श ग्राम के विकास की नियमित समीक्षा भी नहीं हो पा रही है। सांसदों के चयनित 45 गांव की योजनाओं को वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया गया है।

पंचायत विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि ग्राम विकास की योजनाओं को पूरा करने में धन की कमी भी आड़े आ रही है। अन्य विकास योजनाओं के मद से भी आदर्श सांसद ग्राम योजना में गांवों के विकास के लिए धनराशि नहीं मिल पा रही है। कोरोना काल में रोकी गई सांसद निधि के कारण बीते दो वर्ष से काम सुस्त हुआ है। दुर्ग के बटंग गांव में जगी उम्मीद: दुर्ग सांसद विजय बघेल ने वर्ष 2021-22 में पाटन ब्लाक के ग्राम बटंग को गोद लिया। चार हजार आबादी वाले गांव में दो-दो सौ मीटर के चार सीसी रोड का निर्माण कराया गया।

प्रत्येक की लागत पांच लाख 20 हजार रुपये थी। 10 लाख रुपये की लागत से यहां पीडीएस भवन, 14 लाख 15 हजार रुपये की लागत के नवीन पंचायत भवन और चार लाख 15 हजार रुपये की लागत से चबूतरा का निर्माण कराया गया है। गांव के स्कूलों में वाटर कूलर लगाया जाना है। वहीं सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सांसद बघेल ने ग्राम सेलूद को गोद लिया है। राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के मातेखेडा गांव को गोद लिया।

यहां विकास कार्यों के नाम पर कई घोषणाएं की गई। सीसी रोड, नाली निर्माण के साथ प्रतीक्षालय की स्वीकृति दी गई, लेकिन एक भी काम जमीन पर नहीं उतरा है। मातेखेडा गांव के सरपंच कोमल साहू ने कहा कि गोद लेने के बाद सांसद पांडेय सिर्फ एक बार गांव आए है। वहीं, सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि गोद ग्राम में सब ठीक चल रहा है, जो काम स्वीकृत हुए हैं, उसे पूरा कराया जाएगा।

ऐसा है सांसद आदर्श ग्राम का हाल

  • महासमुंद सांसद चुन्नी लाल साहू ने धमतरी ब्लाक के ग्राम पोटियाडीह को गोद लिया। सांसद साहू ने बताया कि पोटियाडीह को गोद लेने के बाद से अब तक कोई बड़ा काम नहीं हुआ है। कोरोना काल के चलते सांसद निधि की राशि रोक दी गई थी।
  • राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के मातेखेडा गांव को गोद लिया। यहां विकास कार्यों के नाम पर कई घोषणाएं की गईं। सीसी रोड, नाली निर्माण के साथ प्रतीक्षालय की स्वीकृति दी गई, लेकिन एक भी काम जमीन पर नहीं उतरा है। मातेखेडा गांव के सरपंच कोमल साहू ने कहा कि गोद लेने के बाद सांसद पांडेय सिर्फ एक बार गांव आए है। वहीं, सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि गोद लिए ग्राम में सब ठीक चल रहा है, जो काम स्वीकृत हुए हैं, उसे पूरा कराया जाएगा।
  • जांजगीर चाम्पा सांसद गुहाराम अजगले ने वर्ष 2019 से अब तक तीन वित्तीय वषों में तीन आदर्श ग्रामों का चयन किया है। वर्ष 2019-20 में जैजैपुर ब्लाक के ग्राम कांशीगढ़ को, वर्ष 2020-21 में मालखरौदा ब्लाक के ग्राम छपोरा और वर्ष 2021-22 के लिए इसी ब्लाक के ग्राम नगझर को सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए चुना है। मगर इन गांवों में विकास के कोई काम नहीं हुए हैं। विकास और निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर दो गांवों में ग्राम विकास योजना (वीडीपी) तक नहीं बन सकी है। सिपरु जैजैपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत कांशीगढ़ में ग्राम विकास की योजना बनी है। यहां समिति का भी गठन किया जा चुका है और पंचायत में 95 विकास कार्यों की सूची तैयार की गई है।
  • कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत का कहना है कि कोरोना काल के कारण गोद ग्राम का विकास कार्य प्रभावित है। संक्रमण में कमी आने से गांवो के स्वीकृत कार्यो में प्रगति लाई जाएगी।