कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने चुनावी बांड को बताया 'वैध रिश्वतखोरी', भाजपा पर जमकर किया कटाक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को चुनावी बांड को वैध रिश्वतखोरी बताया और दावा किया है कि जैसे ही उनकी नई किश्त 4 अक्टूबर को खुलेगी यह भाजपा के लिए सुनहरी उपज होगी। बता दें कि पंजीकृत राजनीतिक दल जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम 1 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं वे चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त कर सकते हैं।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sat, 30 Sep 2023 11:57 AM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को चुनावी बांड को 'वैध रिश्वतखोरी' बताया और दावा किया है कि जैसे ही उनकी नई किश्त 4 अक्टूबर को खुलेगी, यह भाजपा के लिए सुनहरी उपज होगी।
सरकार ने शुक्रवार को चुनावी बांड की 28वीं किश्त जारी करने को मंजूरी दे दी, जो 4 अक्टूबर से 10 दिनों के लिए बिक्री के लिए खुलेगी। यह निर्णय राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों से पहले आया है। इन राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना है।
चुनावी बांड की 28वीं किश्त
पूर्व केंद्र मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चुनावी बांड की 28वीं किश्त 4 अक्टूबर को खुलेगी और कहा, "यह भाजपा के लिए एक सुनहरी उपज होगी। पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक, 90 प्रतिशत चंदा बीजेपी को गया है।" उन्होंने कहा, "सांठगांठ वाले पूंजीपति दिल्ली में बैठे स्वामी को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी चेक बुक खोलेंगे।"The 28th tranche of Electoral Bonds will open on October 4.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 30, 2023
It will be a golden harvest for the BJP
Going by the past records, 90 per cent of the so-called anonymous donations will go to the BJP
The crony capitalists will open their cheque books to write out their
'tribute' to…
चुनावी बांड 'वैध रिश्वतखोरी'
चिदंबरम ने कहा कि चुनावी बांड 'वैध रिश्वतखोरी' है। राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत चुनावी बांड को राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद दान के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। चुनावी बांड के पहले बैच की बिक्री मार्च 2018 में हुई थी।
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SBI बैंक देता है चुनावी बांड
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चुनावी बांड जारी करने के लिए अधिकृत एकमात्र बैंक है। चुनावी बांड भारतीय नागरिकों या देश में निगमित या स्थापित संस्थाओं द्वारा खरीदे जा सकते हैं। पंजीकृत राजनीतिक दल जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम 1 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं, वे चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त करने के पात्र होते हैं।
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि चुनावी बांड योजना नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे शैतानी कृत्यों में से एक है, क्योंकि यह देश में चुनावी प्रणाली और लोकतंत्र को कमजोर करती है।यह भी पढ़ें: Karnataka: मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए: कर्नाटक CM सिद्धारमैया