'चीनी कब्जे' के बारे में बोलें, न कि 50 साल पहले क्या हुआ था' पीएम के कच्चातिवु द्वीप हमले पर चिदंबरम का पलटवार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को पीएम मोदी को सलाह दी कि वह कच्चातिवु मुद्दे के बजाय भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे पर बोलें। चिदंबरम को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि पीएम मोदी उस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं जिसे 1974 में ही सुलझा लिया गया था। एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा यह मुद्दा 50 साल पहले बंद हो गया था।
पीटीआई, शिवगंगा (तमिलनाडु)। लोकसभा चुनाव से पहले कच्चातिवु को लेकर बवाल मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए कांग्रेस और डीएमके पर हमला बोला है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को पीएम मोदी को सलाह दी कि वह कच्चातिवु मुद्दे के बजाय भारतीय क्षेत्र पर 'चीनी कब्जे' पर बोलें। चिदंबरम को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि पीएम मोदी उस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं जिसे 1974 में ही सुलझा लिया गया था।
1974 का क्या है कच्चातिवु विवाद?
उल्लेखनीय है कि 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने श्रीलंका के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने और वहां के लाखों तमिलों की मदद करने के लिए कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया और बदले में छह लाख तमिलों को भारत आने की इजाजत दी गयी। यह द्वीप लगभग 1.9 वर्ग किमी में फैला हुआ है।पीटीआई वीडियो को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा, 'यह मुद्दा 50 साल पहले बंद हो गया था। अब, पीएम हालिया मुद्दों पर बात करने के बजाय उस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं। 2,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर चीनी सैनिकों का कब्जा है और यह एक सच्चाई है।
'पीएम मोदी ने चीन को दी क्लीन चिट'
लद्दाख के सांसद (जामियांग त्सेरिंग नामग्याल) ने इस ओर इशारा किया है और कहा जा रहा है कि भारत ने 21 चर्चाओं में चीन को शामिल किया है। फिर भी, पीएम ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में कोई चीनी सैनिक मौजूद नहीं है और भारतीय क्षेत्र का कोई भी हिस्सा चीनी सैनिकों के कब्जे में नहीं है।यह बात मोदी ने सार्वजनिक रूप से सभी दलों और सभी मुख्यमंत्रियों से कही थी और उन्होंने चीन को क्लीन चिट दे दी थी। चीनी मीडिया ने पूरी दुनिया में यह प्रचारित किया कि भारतीय पीएम ने उनके देश को क्लीन चिट दे दी है। उन्हें इस बारे में बात करनी चाहिए कि पिछले 2-3 वर्षों में क्या हुआ है, न कि लगभग 50 साल पहले हुई किसी चीज के बारे में बात करनी चाहिए।'
प्रधानमंत्री से किया ये अनुरोध
1974 का वह समझौता आपसी बातचीत पर आधारित था और अच्छे संबंध बनाए रखने तथा लाखों तमिलों की जान बचाने के लिए था। जबकि, चीनी कब्जा एक आक्रामकता है। चीन ने हमारे क्षेत्र पर जबरन कब्जा कर लिया है और मैं प्रधानमंत्री से इस बारे में बोलने का अनुरोध करूंगा।'यह भी पढ़ें: '100 दिन बिजी हूं, आप सोच कर रखिए...', RBI के कार्यक्रम में PM Modi ने बताया अगले कार्यकाल का प्लान
यह भी पढ़ें: Kachchatheevu Island Controversy: किसने बांटा देश का हिस्सा, कच्छथीवू का काला किस्सा