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CJI DY Chandrachud: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बोले- जिला न्यायपालिका पर भरोसा करना सीखना होगा

एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने जिला न्यायपालिका पर भरोसा रखने पर जोर दिया। साथ ही न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया कि वह जो कुछ भी करेंगे वह न्याय की संस्था के संरक्षण के हित में होगा।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 19 Nov 2022 11:47 PM (IST)
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CJI DY Chandrachud: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (फोटो एएनआइ)
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को जिला न्यायपालिका पर भरोसा करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि जिला न्यायपालिका देश की न्यायिक प्रणाली के मामलों में उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में न्याय की तलाश करने वाले आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करेगी।

कई मुद्दों पर की CJI ने बात

दरअसल, CJI बनने के बाद डी वाई चंद्रचूड़ को सम्मानित करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका, जिला न्यायपालिका, न्यायिक बुनियादी ढांचे, कानूनी शिक्षा और न्यायिक प्रणाली में महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में बात की।

न्यायपालिका पर भरोसा करना सीखना होगा- CJI

CJI ने कहा कि एक स्वतंत्र बार काउंसिल का न्यायपालिका की स्वतंत्रता से अटूट संबंध है और इसके कारण न्यायाधीशों के रूप में हमारे पास खुद की रक्षा करने के लिए कोई मंच नहीं है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिला न्यायपालिका, आम नागरिकों के बीच संपर्क का पहला बिंदु है। इसलिए न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया आंतरिक रूप से इतनी मानवीय है। हमें अपनी जिला न्यायपालिका पर भरोसा करना सीखना होगा क्योंकि जब हम अपनी जिला न्यायपालिका पर भरोसा करना सीखते हैं तो हम वास्तव में अपने आम नागरिकों की जरूरतों का जवाब देंगे जो न्याय तक पहुंचना चाहते हैं।

न्यायाधीशों में भय की भावना है- CJI

CJI ने कहा कि उच्च न्यायपालिका जमानत के मामलों में फंस रही है क्योंकि जमीनी स्तर पर जमानत देने में हिचकिचाहट है। उन्होंने कहा जमीनी स्तर पर न्यायाधीश जमानत देने के लिए अनिच्छुक हैं, इसलिए नहीं कि उनके पास क्षमता नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर न्यायाधीश अपराध को नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा घरेलू स्तर के न्यायाधीशों में भय की भावना है कि यदि वह जमानत देते हैं तो कल कोई उन्हें इस आधार पर निशाना बनाएगा कि उन्होंने किसी जघन्य मामले में जमानत दी है।

जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों में सुधार जरुरी

CJI ने आगे कहा कि जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों में सुधार के लिए बहुत कुछ किया जाना है। लेकिन इन सबसे ऊपर हमें अपनी जिला न्यायपालिका में गरिमा की भावना, आत्म-मूल्य की भावना, अपने स्वयं के सम्मान में विश्वास की भावना लानी होगी, यही कारण है कि मैं हमेशा कहता हूं कि हमारी जिला न्यायपालिका एक अधीनस्थ न्यायपालिका नहीं है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत महत्वपूर्ण मुद्दों पर बड़े फैसले दे सकती है, लेकिन जिला न्यायपालिका आम नागरिकों की शांति, खुशी और विश्वास को परिभाषित करती है।

अदालतों को जनता तक पहुंचाने पर दिया जोर

CJI ने आज कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पर लगभग 77 लाख उच्च न्यायालय के निर्णय अपलोड किए गए हैं और इससे उन युवा वकीलों को लाभ होगा, जिनकी इस तक पहुंच होगी। उन्होंने कहा कि हमें वकीलों या नागरिकों से अदालतों तक पहुंचने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए और इसके बजाय अदालतों को उन तक पहुंचना चाहिए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जब वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, तो वे हमेशा वकीलों को आने और उनकी समस्याओं के बारे में बात करने के लिए कहते थे।

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