'युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता क्योंकि...' CDS चौहान बोले- टेक्नोलॉजी की वजह से बदल रही जंग की परिभाषा
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत रूप से और एक समुदाय के रूप में भी हमें जिम्मेदारियां सौंपता है। उन्होंने आगे कहा कि एक सैनिक के रूप में कोई कभी गलती नहीं कर सकता और एक समुदाय के रूप में विश्वास कम नहीं किया जा सकता।
पीटीआई, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और देश की सशस्त्र सेनाओं को इस बदलाव को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा। हम भारत को पेशेवर सशस्त्र बल और एक महाशक्ति बनना चाहते हैं।
यह तभी हो सकता है जब हम नई ऊर्जा, नए जोश और नई सोच के साथ काम करें। वे 1999 में करगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग और टाइगर हिल की लड़ाई के 25 साल पूरे होने के मौके पर सेना के अधिकारियों, जूनियर कमीशंड आफिसर (जेसीओ) और 18 ग्रेनेडियर्स के सैनिकों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
देशवासियों को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है: जनरल चौहान
भारतीय सेना ने चार जुलाई 1999 को टाइगर हिल चोटी फतह की थी। करगिल युद्ध में 18 ग्रेनेडियर्स बटालियन ने अहम भूमिका निभाई थी। करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न मनाने के लिए हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जनरल चौहान ने कहा कि देश के लोगों को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है और उसी के कारण हमारी इतनी प्रतिष्ठा है। जो विरासत आपको दी गई है, वह हमारे पूर्वजों द्वारा अर्जित की गई है।
हम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे: जनरल अनिल चौहान
उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत रूप से और एक समुदाय के रूप में भी हमें जिम्मेदारियां सौंपता है। उन्होंने कहा कि एक सैनिक के रूप में कोई कभी गलती नहीं कर सकता और एक समुदाय के रूप में विश्वास कम नहीं किया जा सकता। जनरल चौहान ने कहा कि हम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं।
हमें इस स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।वैज्ञानिकों और दार्शनिकों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केवल परिवर्तन ही स्थायी है और भारतीय सशस्त्र बल इस बदलाव से दूर नहीं रह सकते हैं।