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'युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता क्योंकि...' CDS चौहान बोले- टेक्नोलॉजी की वजह से बदल रही जंग की परिभाषा

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत रूप से और एक समुदाय के रूप में भी हमें जिम्मेदारियां सौंपता है। उन्होंने आगे कहा कि एक सैनिक के रूप में कोई कभी गलती नहीं कर सकता और एक समुदाय के रूप में विश्वास कम नहीं किया जा सकता।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 04 Jul 2024 08:15 PM (IST)
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युद्ध में हो रहे बदलाव को लेकर सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने अहम जानकारी दी। (फोटो सोर्स: जागरण)
पीटीआई, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और देश की सशस्त्र सेनाओं को इस बदलाव को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा। हम भारत को पेशेवर सशस्त्र बल और एक महाशक्ति बनना चाहते हैं।

यह तभी हो सकता है जब हम नई ऊर्जा, नए जोश और नई सोच के साथ काम करें। वे 1999 में करगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग और टाइगर हिल की लड़ाई के 25 साल पूरे होने के मौके पर सेना के अधिकारियों, जूनियर कमीशंड आफिसर (जेसीओ) और 18 ग्रेनेडियर्स के सैनिकों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।

देशवासियों को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है: जनरल चौहान

भारतीय सेना ने चार जुलाई 1999 को टाइगर हिल चोटी फतह की थी। करगिल युद्ध में 18 ग्रेनेडियर्स बटालियन ने अहम भूमिका निभाई थी। करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न मनाने के लिए हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जनरल चौहान ने कहा कि देश के लोगों को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है और उसी के कारण हमारी इतनी प्रतिष्ठा है। जो विरासत आपको दी गई है, वह हमारे पूर्वजों द्वारा अर्जित की गई है।

हम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे: जनरल अनिल चौहान

उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत रूप से और एक समुदाय के रूप में भी हमें जिम्मेदारियां सौंपता है। उन्होंने कहा कि एक सैनिक के रूप में कोई कभी गलती नहीं कर सकता और एक समुदाय के रूप में विश्वास कम नहीं किया जा सकता। जनरल चौहान ने कहा कि हम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं।

हमें इस स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।वैज्ञानिकों और दार्शनिकों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केवल परिवर्तन ही स्थायी है और भारतीय सशस्त्र बल इस बदलाव से दूर नहीं रह सकते हैं।

'युद्ध के लिए केवल वीरता ही पर्याप्त नहीं'

उन्होंने कहा कि त्वरित तकनीकी घटनाक्रम के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। पहले था कि युद्ध जीतने के लिए वीरता एक आवश्यक तत्व है, लेकिन भविष्य के युद्धों में केवल वीरता ही पर्याप्त नहीं है, हमें लचीला और कल्पनाशील बनना होगा तथा खुला दिमाग रखना होगा। 

जनरल चौहान ने कहा कि कई हथियारों के बेहतर प्रौद्योगिकी से उन्नत होने के साथ ही युक्तियां और रणनीतियां भी बदल गई हैं तथा अब यह बहुत तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम कई क्षेत्रों में युद्ध की बात कर रहे हैं। केवल पारंपरिक क्षेत्रों जैसे कि जमीन, समुद्र और वायु के बजाय हमारी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए साइबर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और अंतरिक्ष क्षेत्र भी जोड़े गए हैं।

युद्ध में कोई उपवेजिता नहीं होता: सीडीएस 

सीडीएस ने कहा कि लोग सशस्त्र बलों से प्यार करते हैं तथा उन पर भरोसा करते हैं। अगर हमें इसे बरकरार रखना है तो हमें बदलाव लाना पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम युद्ध में असफल नहीं हो सकते। खेलों के विपरीत युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता क्योंकि विजेता सब कुछ जीत लेता है।

जनरल चौहान ने कहा कि इस भरोसे को बनाए रखने के लिए आपको इन नई चीजों को समझना तथा स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि सीडीएस के रूप में उनका काम तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता और एकीकरण लाना है ताकि सभी मिलकर काम करें।

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