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Child Trafficking In India : उत्तर प्रदेश में हो रही बच्चों की सबसे अधिक तस्करी, दिल्ली की भी स्थिति चिंताजनक

2016 से 2022 तक 21 राज्यों के 262 जिलों में बाल तस्करी के डाटा को संकलित किया गया। बाल तस्करी के मामलों में यूपी में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गई। कोरोना से पहले (2016-2019) में उत्तर प्रदेश में बाल तस्करी की 267 घटनाएं हुईं। कोरोना के बाद (2021-2022) में यह 1214 हो गई। कर्नाटक में 18 गुना वृद्धि के साथ बाल तस्करी की घटनाएं छह से बढ़कर 110 हो गईं।

By Agency Edited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 30 Jul 2023 09:03 PM (IST)
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रिपोर्ट में कहा गया है कि जागरूकता अभियानों से बाल तस्करी के मामले दर्ज हो रहे हैं।

नई दिल्ली, पीटीआई। देश में बच्चों की सबसे अधिक तस्करी उत्तर प्रदेश में हो रही है। वर्ष 2016 और 2022 के बीच बाल तस्करी में दूसरे स्थान पर बिहार और तीसरे पर आंध्रप्रदेश रहा। दिल्ली में कोरोना से पहले की तुलना में बाल तस्करी के मामलों में 68 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस पर रिपोर्ट जारी

भारत में बाल तस्करी: स्थितिजन्य डाटा विश्लेषण से अंतर्दृष्टि और तकनीक-संचालित हस्तक्षेप रणनीतियों की आवश्यकता में देश में बाल तस्करी संकट की परेशान करने वाली तस्वीर पेश की गई है। इन आंकड़ों को गेम्स 2437 और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (केएससीएफ) ने संयुक्त रूप से संकलित किया है। जिन जिलों में बाल तस्करी के सर्वाधिक मामले सामने आए उनमें पहले स्थान पर जयपुर शहर जिला है।

रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

सूची में अन्य चार शीर्ष जिले राष्ट्रीय राजधानी में हैं। 2016 से 2022 तक 21 राज्यों के 262 जिलों में बाल तस्करी के डाटा को संकलित किया गया। बाल तस्करी के मामलों में उत्तर प्रदेश में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गई। कोरोना से पहले (2016-2019) में उत्तर प्रदेश में बाल तस्करी की 267 घटनाएं हुईं। कोरोना के बाद (2021-2022) में यह 1214 हो गई। कर्नाटक में 18 गुना वृद्धि के साथ बाल तस्करी की घटनाएं छह से बढ़कर 110 हो गईं।

हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि जागरूकता अभियानों से बाल तस्करी के मामले दर्ज हो रहे हैं। रिपोर्ट में बाल तस्करी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तस्करी विरोधी कानून की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

18 वर्ष से कम उम्र के 13,549 बच्चों को बचाया गया

रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में 18 वर्ष से कम उम्र के 13,549 बच्चों को बचाया गया। बचाए गए 80 प्रतिशत बच्चे 13 से 18 वर्ष की आयु के थे, जबकि 13 प्रतिशत नौ से 12 वर्ष की आयु के थे। दो प्रतिशत से अधिक नौ वर्ष से भी कम उम्र के थे।

होटल और ढाबों में हैं सर्वाधिक बाल मजदूर

रिपोर्ट के अनुसार, होटल और ढाबों में सबसे अधिक संख्या में बाल मजदूर 15.6 प्रतिशत कार्यरत हैं। इसके बाद परिवहन उद्योग में 13 प्रतिशत, और कपड़ा उद्योग में 11.18 प्रतिशत बाल मजदूर काम कर रहे हैं। पांच और आठ साल की उम्र के बच्चे कास्मेटिक उद्योग में काम करते पाए गए।