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विज्ञान की वास्तविकता को कविता के रूप में छात्रों ने किया परिभाषित

पर्यावरण के अनुकूल मुद्दों जैसे रीसाइक्लिंग प्लास्टिक को भी विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से पेश किया गया।

By Srishti VermaEdited By: Updated: Fri, 26 May 2017 11:39 AM (IST)
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विज्ञान की वास्तविकता को कविता के रूप में छात्रों ने किया परिभाषित

जागरण संवाददाता (कोलकाता)। महानगर स्थित बीडीएम इंटरनेशन (9वीं से बारहवीं कक्षा) के उत्साही छात्रों ने स्कूल आडिटोरियम में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में अपनी प्रतिभाएं प्रदर्शित की। इस मौके पर स्कूल की प्रिंसिपल विजया चौधरी ने कहा कि विज्ञान और गणित प्रदर्शनी ने छात्रों को सिर्फ उनकी रचनात्मक सोच को उभारने का एक शानदार अवसर प्रदान नहीं किया बल्कि उन्हें यह महसूस कराया कि अगर सकारात्मक विचारों के द्वारा इसे उपयोग किया जाए तो विज्ञान मनुष्य के लिए एक आशीष है।

प्रदर्शनी में स्मार्ट सिटी की अवधारणा अद्वितीय थी और इसे अलग-अलग उपयोगिता-आधारित वैज्ञानिक उपकरणों जैसे कि दुर्घटना रोधी कार, पर्यावरण के अनुकूल रेलवे, घर का बना वैक्यूम क्लीनर, छत के ऊपर जल संरक्षण आदि के माध्यम से अच्छी तरह से प्रदर्शित किया गया।

पर्यावरण के अनुकूल मुद्दों जैसे रीसाइक्लिंग प्लास्टिक को भी विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से पेश किया गया है। यहां तक कि कुछ सामाजिक मुद्दों को इस प्रदर्शनी के माध्यम से शानदार ढंग से उजागर किया गया है जैसे- एचआइवी के प्रसार को रोकने, मैनुअल श्रम कैसे घटाया जाए आदि। रक्त समूह परीक्षण क्षेत्र में उत्साही आगंतुकों की भीड़ देखी गई लेकिन सबसे लोकप्रिय और जिज्ञासु क्षेत्र रसायन के साथ जादू ‘केमिकल कालिडोस्कोप’ था।

विभिन्न वैज्ञानिक स्टंटों बर्निंग मनी, केमिकल सनसेट, एलिफंट टूथपेस्ट आदि ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। इस अंतर-स्कूल प्रदर्शनी में कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) के न्यूक्लियर फिजिक्स के पूर्व प्रोफेसर प्रोफेसर बुद्धदेब बगची, मैकेनिकल इंजीनियरिंग (आइईएम) के एचओडी एके बड़ ने छात्रों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों की उनकी अवधारणा, प्रस्तुति और रचनात्मकता के आधार पर पुरस्कार प्रदान किया।

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