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स्कूलों में अब प्री-प्राइमरी से ही बच्चे पढ़ेंगे सड़क सुरक्षा का पाठ, Zebra Crossing जैसे विषय होंगे शामिल

बुनियादी शिक्षा के नए पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में इस विषय को अलग से एक पाठ (चैप्टर)के रूप में शामिल किया गया है। स्कूलों में बुनियादी स्तर के तहत तीन से आठ साल तक की उम्र के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 23 Nov 2022 06:36 AM (IST)
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सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की घुट्टी अब हर किसी को स्कूलों में प्री-प्राइमरी स्तर से ही पिलाई जाएगी।
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। अक्सर लोगों को सड़क सुरक्षा को लेकर नियम तब याद आती है, जब वे किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की घुट्टी अब हर किसी को स्कूलों में प्री-प्राइमरी स्तर से ही पिलाई जाएगी। जिसमें उन्हें न सिर्फ सड़क सुरक्षा से जुड़े नियम पढ़ाए व रटाए जाएंगे बल्कि स्कूली स्तर पर होने वाले गतिविधियों के जरिए उनके संस्कार में भी उसे खोला जाएगा। इससे लोगों में जागरूकता तो बढ़ेगी ही, साथ ही सड़क दुर्घटनाएं भी कम होंगे। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे अभी स्वच्छता को लेकर हर बच्चे को जागरुक किया जाता है। सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों को लेकर सरकार यह फोकस तब बढ़ा है, जब काफी कोशिश के बाद भी सड़क हादसे और उनमें होने वाली मौतों की रफ्तार थमती नहीं दिख रही है।

देश में प्रति वर्ष 4.5 लाख से ज्यादा सड़क हादसे

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में हर साल औसतन साढ़े चार लाख से ज्यादा सड़क हादसे होते है। इनमें डेढ़ लाख से ज्यादा की मौत भी हो जाती है। जो किसी भी बीमारी से होने वाली मौतों से भी काफी ज्यादा है। इसकी बड़ी वजह लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी मानी जाती है। यही वजह है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों के तैयार किए जा रहे पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के विषय को बच्चों को शुरूआत से पढ़ाने का फैसला लिया गया है।

नए पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में सड़क सुरक्षा विषय शामिल

पिछले दिनों जारी किए गए बुनियादी शिक्षा के नए पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में इस विषय को अलग से एक पाठ (चैप्टर)के रूप में शामिल किया गया है। स्कूलों में बुनियादी स्तर के तहत तीन से आठ साल तक की उम्र के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। इनमें प्री-प्राइमरी के तीन साल और पहली व दूसरी कक्षा शामिल है। स्कूली शिक्षा के नए पाठ्यक्रम पर काम कर रहे शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक बुनियादी स्तर के अलावा सड़क सुरक्षा से जुड़े विषय को प्रमुखता से स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर पढ़ाया जाएगा।

नई राष्ट्रीय नीति के तहत देशभर में नियम होगा लागू

इसी उम्र में बच्चों को कार, गाड़ी जैसे खिलौने भी रिझाते है। ऐसे में उसी दौरान उन्हें यदि सड़क सुरक्षा के नियमों का पाठ ठीक से समझा दिया जाए तो वह जीवन भर कोई गलती नहीं करेंगे। गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा के स्तर पर अभी भी कुछ राज्यों में सड़क सुरक्षा को अलग-अलग स्टेज पर पढ़ाया जा रहा है, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिए यह अब पूरे स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा।

सड़क सुरक्षा से जुड़े इन पहलुओं से रूबरू होंगे छात्र

सड़क पर चलने के नियम, सड़क पार करने के नियम, सिग्नल लाइट, यातायात के चिह्न, जिब्रा क्रासिंग, यू-टर्न, पुल और रेलवे ब्रिज आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के बाद बरती जाने वाली सामान्य सावधानियां, गली में साइकिल चलाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखे।

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इसके साथ ही सड़क और सार्वजनिक परिवहन में खतरे से निपटने के लिए लगे उपकरणों आदि से भी इस दौरान परिचित कराया जाएगा। खास बात यह है कि यह विषय सिर्फ जागरूकता तक सीमित नहीं होगा बल्कि बच्चों के मूल्यांकन में भी इसे शामिल किया जाएगा।

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