Chin Kukis: क्या 'चिन कुकी' समुदाय खो देगा एसटी का दर्जा? मणिपुर के मु्ख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिए संकेत
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि चिन कुकी एसटी रहेगा या नहीं यह तय करने के लिए सर्व-जनजाति पैनल का गठन किया जाएगा। मणिपुर की एसटी सूची से खानाबदोश चिन कुकी समुदाय को हटाने की मांग पर राज्य सरकार के विचार मांगे गए हैं । चिन समुदाय के लोग मिजोरम के मिजोस और पड़ोसी म्यांमार के निवासियों के एक वर्ग के साथ जातीयता भी साझा करते हैं।
इंफाल, पीटीआई। चिन कुकी समुदाय राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में रहेगा या नहीं, यह तय करने के लिए एक सर्व-जनजाति समिति का गठन किया जाएगा।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का यह बयान केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के एक पत्र के मद्देनजर आया है। बता दें कि इस पत्र में मणिपुर की एसटी सूची से 'खानाबदोश चिन कुकी' समुदाय को हटाने की मांग पर राज्य सरकार के विचार मांगे गए हैं।
किसने की चिन कुकी' समुदाय को हटाने की मांग?
यह मांग रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के राष्ट्रीय सचिव महेश्वर थौनाओजम ने की थी। उन्होंने दावा किया था कि उस समुदाय के सदस्य भारत के मूल निवासी नहीं बल्कि अप्रवासी हैं। सिंह ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'चिन कुकी समुदाय को मणिपुर की (एसटी) सूची में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें कैसे शामिल किया गया, इसकी दोबारा जांच की जानी चाहिए। कोई टिप्पणी करने से पहले, हमें (राज्य की) सभी जनजातियों को मिलाकर एक समिति बनानी होगी।'कौन हैं चिन समुदाय?
सिंह ने कहा कि पैनल की सिफारिशें मिलने के बाद राज्य सरकार इस मामले पर अपना विचार भेज सकेगी। जानकारी के लिए बता दें कि कुकी मणिपुर की विभिन्न जनजातियों का सामूहिक नाम है और चिन उनमें से एक है। चिन समुदाय के लोग मिजोरम के मिजोस और पड़ोसी म्यांमार के निवासियों के एक वर्ग के साथ जातीयता भी साझा करते हैं। मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा से दहल रहा है और 180 से अधिक लोग मारे गए हैं।