Move to Jagran APP

आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक सम्मेलन में पाकिस्तान को न्यौता नहीं, प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे उद्घाटन

भारत में नो मनी फार टेरर का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का तीसरा संस्करण शुक्रवार से शुरू हो रहा है। भारत ने कहा कि इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन ने अभी तक हामी नहीं भरी है। हालांकि इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल नहीं हो रहे हैं।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 18 Nov 2022 04:06 AM (IST)
Hero Image
आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक सम्मेलन में पाकिस्तान को न्यौता नहीं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आतंकी फंडिंग के खिलाफ आज से शुरु हो रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया है। चीन को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अभी तक उसकी स्वीकारोक्ति नहीं आई है। सम्मेलन में दुनिया के 72 देशों व छह संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे और गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे।

'नो मनी फार टेरर' सम्मेलन में पाकिस्तान को नहीं मिला आमंत्रण

'नो मनी फार टेरर' सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किये जाने पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बताया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि भारत में आतंकी संगठनों की ओर से पाकिस्तान की फंडिंग जारी रहने के मद्देनजर उसे नहीं बुलाने का फैसला किया गया है। भारत में आतंकी फंडिंग के स्त्रोत के बारे में एजेंसियों की ओर से तैयार रिपोर्ट में पाकिस्तान की ओर से कश्मीर, खालिस्तान समर्थक आतंकवाद और इस्लामिक आतंकवाद को मिल रही वित्तीय मदद मिलने का आरोप लगाया गया है।

पाकिस्तान को नहीं बुलाने के पीछे क्या है संदेश

सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर इन तीन क्षेत्रों में आतंकी संगठनों को फंडिंग किये जाने के पर्याप्त सबूत हैं। जाहिर है खुद आतंकी फंडिंग में शामिल पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक सम्मेलन में आमंत्रित नहीं कर उसे आइना दिखाया है। आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक सम्मेलन की जरूरत बताते हुए एनआइए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा मुद्दा है और बहुत सारे देश इससे किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं। उनके अनुसार पिछले आठ सालों में भारत में कश्मीर, नक्सल, इस्लामिक आतंकवाद और पूर्वोत्तर भारत सभी क्षेत्रों में आतंकी घटनाओं में कमी आई है, लेकिन यहां सक्रिय संगठनों को फंडिंग जारी रहना भविष्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। आतंकवाद और नक्सलवाद को समूल नष्ट करने के लिए उसके फंडिंग को रोकना अहम है।

दो दिन के सम्मेलन में कुल चार सत्र

दिनकर गुप्ता के अनुसार दो दिन के सम्मेलन में कुल चार सत्र होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन के बाद पहले सत्र में आतंकी फंडिंग के ताजा ट्रेंड पर चर्चा होगी। इस सत्र में खुद गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। दूसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के औपचारिक व अनौपचारिक सभी तरीकों पर चर्चा होगी। शनिवार को तीसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के लिए नई तकनीक और रास्तों के इस्तेमाल पर चर्चा होगी, जिसमें क्रिप्टो करेंसी व डार्क वेब भी शामिल है।

आतंकी फंडिंग रोकने पर सम्मेलन में चर्चा

अंतिम सत्र में आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अंतराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरतों और सहयोग के बारे में चर्चा की जाएगी। दिनकर गुप्ता के अनुसार 'नो मनी फार टेरर' सम्मेलन आतंकी फंडिंग के खिलाफ भारत के समग्र प्रयासों को दिखाता है। एक महीने के भीतर यह तीसरा सम्मेलन है, जिसमें आतंकी फंडिंग के खिलाफ पूरी दुनिया में एक राय बनाने की कोशिश की गई है। पहले इंटरपोल और बाद में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ की समिति की मुंबई और दिल्ली में हुई बैठक में भारत आतंकी फंडिंग और आतंकवाद के खतरे के प्रति दुनिया को आगाह कर चुका है। इंटरपोल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया कि दुनिया में आतंकियों के लिए पनाह की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा सुविधाओं और रक्षा संयंत्रों को बनाया निशाना, मिसाइल हमले में दो लोगों की मौत

यह भी पढ़ें- अमेरिका ने इमरान खान की विदेशी साजिश के दावों को एक बार फिर किया खारिज, कहा- नहीं है कोई सच्चाई