India-China Ties: चीन को नई दिल्ली से मिलेगा बड़ा संकेत, भारत के रूख में नरमी की नहीं है उम्मीद
चीन के विदेश मंत्री चिन गांग भारत आये हुए हैं और एक दिन पहले चीन की तरफ से यह भी बयान दिया गया है कि वह भारत के साथ रिश्ते को काफी अहमियत देता है लेकिन भारत के रूख में किसी नरमी के संकेत नहीं है। Photo- S Jaishankar Twitter
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री चिन गांग भारत आये हुए हैं और एक दिन पहले चीन की तरफ से यह भी बयान दिया गया है कि वह भारत के साथ रिश्ते को काफी अहमियत देता है, लेकिन चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो रवैया अपना रखा है उसे देखते हुए भारत के रूख में किसी नरमी के संकेत नहीं है।
क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक
इस संदर्भ में भारत क्वाड संगठन की अगुवाई में शुक्रवार को चीन को अभी तक का सबसे बड़ा संकेत देने वाला है। शुक्रवार को सुबह पहले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की क्वाड संगठन के तहत बैठक होगी। इसके कुछ ही घंटे बाद इन चारों देशों के विदेश मंत्री भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित रायसीना डायलॉग में एक सत्र को एक साथ संबोधित करेंगे। रायसीना डायलॉग वैश्विक कूटनीति पर चर्चा करने का आयोजन है।
जापान के विदेश मंत्री रायसीना डायलॉग में होंगे शामिल
क्वाड के चारों देश जी-20 के भी सदस्य हैं। इनके विदेश मंत्रियों की गुरुवार को बैठक चल रही है। जी-20 की बैठक में जापान के उप विदेश मंत्री हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन विदेश मंत्री योशीमासा हयासी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए खास तौर पर आ रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि पूर्व में भी रायसीना डायलॉग सम्मेलन में क्वाड का प्रतिनिधित्व होता रहा है और इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र की गतिविधियों पर चर्चा होती रही है, लेकिन यह पहला मौका होगा जब चारों देशों के विदेश मंत्री एक साथ होंगे।
बता दें कि उक्त चारों देश आधिकारिक तौर पर यह कहते हैं कि क्वाड का गठन चीन को ध्यान में रख कर नहीं किया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र में जिस तरह से चीन की आक्रामक गतिविधियां बढ़ी हैं उसे देख कर ही भारत, अमेरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया एक साथ आये हैं।
भारत-चीन के रिश्ते में खटास
भारत और चीन के रिश्ते मई, 2020 से काफी खराब चल रहे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह देश के पूर्वोत्तर एलएसी पर चीन की घुसपैठ है। पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाके में चीन की घुसपैठ के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हजारों सैनिकों की तैनाती की थी। चीन की तरफ से भी सैन्य तैनाती हुई है। इसके बाद दोनो तरफ से कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर बातचीत का दौर चल रहा है। इसका असर भी हुआ है और अधिकांश इलाकों से दोनो देश सैनिकों को वापस बुला चुके हैं, लेकिन भारत का कहना है कि चीन मई, 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं कर रहा है।
दूसरी तरफ, चीन और अमेरिका के बीच भी रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं। जापान और ऑस्ट्रेलिया भी यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर पूरी तरह से अमेरिका के साथ हैं, जबकि चीन रूस के साथ है। ऐसे में क्वाड के विदेश मंत्रियों की तरफ से एक सार्वजनिक मंच पर एकत्रित होने को चीन को एक बड़े कूटनीतिक संकेत देने के तौर पर देखा जा रहा है।