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Alert! भारत की जासूसी के मकसद से हिंद महासागर में घुसा चीन का स्‍पाई शिप Yuan Wang 6, जानें- कहां है मौजूद

भारत की जासूसी करने के मकसद से चीन का एक स्‍पाई शिप हिंद महासागर में आ चुका है। इसका नाम युआन वांग 5 है और ये युआन वांग 6 की ही भांति मिसाइल युद्ध पोत को ट्रैक कर सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Sat, 05 Nov 2022 11:22 AM (IST)
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भारत की जासूसी के लिए हिंद महासागर में आया चीन का स्‍पाई शिप
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। चीन भारत पर नजर रखने के लिए हर तरीके के इस्‍तेमाल कर रहा है। भारत की जासूसी करने के लिए ही चीन ने पिछले माह अपने एक स्‍पाई शिप को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर भेजा था, हालांकि ये शिप जल्‍द ही यहां से चला गया था। अब चीन ने एक बार फिर इसी श्रेणी के एक और जहाज को इंडोनेशिया के आसपास खड़ा किया है। इसका मकसद केवल भारत की जासूसी करना है। आपको बता दें कि इस तरह के जहाज दूसरे देशों के युद्धपोतों, समुद्र की गहराइयों में गश्‍त लगा रही सबमरीन और टेस्टिंग के लिए दागी जाने वाली मिसाइलों का पता लगाने में काफी मददगार साबित होते हैं। यही वजह है कि भारत इस तरह के जहाजों से बचने की कोशिश करता है।

21 अक्‍टूबर को झियांगयिन से चला ये स्‍पाई शिप 

चीन के जिस स्‍पाई शिप की जानकारी अब सामने आई है वो इंडोनेशिया के करीब बताया गया है। इसका नाम युआन वांग 6 है। मरीन ट्रैफिक से मिली जानकारी के मुताबिक ये स्‍पाई शिप शुक्रवार 4 नवंबर 2022 को इंडोनेशिया के करीब था और 12.6 नाट की स्‍पीड से आगे बढ़ रहा था। मरीन ट्रैफिक की जानकारी के मुताबिक ये स्‍पाई शिप 21 अक्‍टूबर को झियांगयिन से चला है। इसके आगे की डेस्टिनेशन के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। । मरीन ट्रैफिक से मिली जानकारी के मुताबिक ये एक रिसर्च वैसल है। इसका निर्माण 14 वर्ष पहले 2008 में किया गया था। ये करीब 222 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा है। इसकी ताजा पाजीशन समुद्र में 09° 01' 57.6" S, 115° 34' 50.9" E पर बताई गई है। 

इस पर लगे हैं राडार और सैंसर 

इससे पहले सितंबर में जिस स्‍पाई शिप युआन वांग 5 ने हंबनटोटा पर लंगर डाला था वो श्रीलंका के बंदरगाह से वापस झियांगयिन ही गया था। वांग 6 पर वांग 5 की ही तरह बड़े बड़े राडार और एंटीना लगे हुए हैं। इसको खासतौर पर मिसाइल परीक्षणों की जानकारी और सैटेलाइट गतिविधियों की जानकारी हासिल करने के लिए ही डिजाइन किया गया है। इस जहाज का वजन करीब 22 हजार टन से अधिक है। चीन का ये स्‍पाई शिप हाईटैक सर्विलांस सिस्‍टम के अलावा इलेक्‍ट्रानिक स्‍नूपिंग करने वाले सैंसर से लैस है। ये जहाज बैलेस्टिक मिसाइलों को ट्रैक कर सकता है और दूसरी गतिविधियों के बारे में भी पता लगा सकता है।  

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