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चीनी मोबाइल कंपनियां भारत छोड़ने पर हो सकती हैं विवश, ग्लोबल टाइम्स का दावा- ओप्पो, वीवो पर कार्रवाई से पड़ रहा असर

चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि यदि कंपनियों को वहां एक साथ कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा तो वे भारत को छोड़ने पर विवश हो सकती हैं। हाल ही में ईडी की ओपो वीवो पर कार्रवाई के बाद से चीन बौखला गया है।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Sun, 07 Aug 2022 03:34 AM (IST)
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चीनी मोबाइल कंपनियों पर कसा जा रहा शिकंजा।
नई दिल्ली, एजेंसी। चीन की विभिन्न कंपनियों ने भारत को निवेश के लिए चुना था। लेकिन, यदि इन कंपनियों को वहां एक साथ कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा तो वे भारत को छोड़ने पर विवश हो सकती हैं। ये बातें चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कही हैं। चीनी मोबाइल कंपनियों ओप्पो, वीवो इंडिया और एक अन्य पर कर चोरी के साथ ही कई तरह की अनियमितताएं करने के आरोप हैं। इस मामले में सरकार इन्हें नोटिस जारी कर चुकी है। अभी इसकी जांच चल रही है।

चीनी उद्यमियों का उत्साह हो रहा कम

ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा की जा रही जांच से न सिर्फ इन कंपनियों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, बल्कि इससे व्यावसायिक वातावरण भी खराब हो रहा है। इससे चीनी उद्यमियों का उत्साह भी कम हो रहा है। उसने कहा है कि इसके चलते कई कंपनियां भारत को छोड़ अन्य देशों का रुख कर रही हैं। इसलिए, भारत सरकार को इस मामले में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहिए।

ओप्पो, वीवो इंडिया और श्याओमी पर शिकंजा

बता दें कि भारत सरकार ने चीन की तीन प्रमुख मोबाइल कंपनियों ओप्पो, वीवो इंडिया और श्याओमी के कर चोरी के मामलों की जांच शुरू कर दी है। कंपनियों पर सरकार ने सीमा शुल्क उल्लंघन से लेकर धोखाधड़ी और मनी लान्ड्रिंग के आरोप लगाए हैं।

चीनी कंपनियों पर भारत सरकार द्वारा कसते शिकंजे को देख चीन भी बौखला गया है। चीन ने ग्‍लोबल टाइम्‍स के जरिए भारत को घेरने की कोशिश की है। सरकार की कार्रवाई के बाद चीन ने कहा कि भारतीय एजेंसियों को चीनी कंपनियों के अधिकारियों के साथ दुर्व्‍यवहार नहीं करना चाहिए। बता दें कि मोबाइल कंपनी शिओमी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि ईडी ने जांच के दौरान उनके अधिकारियों के साथ दुर्व्‍यवहार किया और मारपीट तक की है।