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मदुरै में शुरू हुआ चिथिरई उत्सव, 94 साल के नटराजन भक्तों को देते हैं मोर पंख से बने पंखे से आशीर्वाद

94 वर्षीय नटराजन मदुरै में चिथिरई उत्सव में आने वाले भक्तों को पंखे के लिए मोर पंख का उपयोग करते हैं। उनका कहना है कि भक्तों को गर्मी से राहत देने के लिए वह पिछले 69 सालों से ऐसा कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sun, 30 Apr 2023 08:39 AM (IST)
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94 साल के नटराजन भक्तों को देते हैं मोर पंख से बने पंखे से आशीर्वाद
तमिलनाडु, एजेंसी। 94 वर्षीय नटराजन, मदुरै में चिथिरई उत्सव में आने वाले भक्तों को पंखे के लिए मोर पंख का उपयोग करते हैं। उनका कहना है कि भक्तों को गर्मी से राहत देने के लिए वह पिछले 69 सालों से ऐसा कर रहे हैं।

तमिलनाडु के मुदुरै में चिथिरई उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। चिथिरई उत्सव में प्राचीन संस्कृति और परंपराओं का शानदार नजारा देखने को मिल रहा है। इस महोत्सव में हर्सोउल्लास के साथ देवी देवताओं की झांकियां निकाली गई और इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।

भक्त करते हैं एक महीने तक उपवास

बालाजी, मदुरै अलगर मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि इस आयोजन में हर साल भगवान अलगर रामाराया मंडपम आते हैं। फिर तीर्थवारी कार्यक्रम शुरू किया जाता है। भक्त एक महीने तक उपवास करते हैं और तीर्थवारी कार्यक्रम में भाग लेते हैं। हजारों भक्त कार्यक्रम में भाग लेते हैं जहां वे जल छिड़केंगे। आमतौर पर भक्त एक महीने के लिए उपवास करते हैं और तीर्थवारी कार्यक्रम में भाग लेते हैं। भक्त अपने कंधों पर पानी के साथ एक बैग ले जाते हैं और तीर्थवारी के दौरान भगवान अलगर पर पानी छिड़कते हैं।

5 मई को जिला प्रशासन ने दी छुट्टी

तमिलनाडु के मदुरै जिला प्रशासन ने चिथिरई उत्सव के हिस्से के रूप में वैगई नदी में भगवान कल्लाझागर के प्रवेश के मद्देनजर 5 मई को जिले के लिए छुट्टी की घोषणा की है। मदुरै के विश्व प्रसिद्ध चिथिरई उत्सव 23 अप्रैल को ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ था। त्योहार का मुख्य कार्यक्रम कल्लाझगर का वैगई जल में प्रवेश है, जो 5 मई को आयोजित होगा।

इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने 5 मई को जिले के लिए अवकाश की घोषणा की है। जिला प्रशासन ने इसकी जानकारी मंदिर अधिकारियों को भी दे दी है। कल्लाझगर के प्रवेश के हिस्से के रूप में, भक्त अपनी मन्नतें पूरी होने के प्रतीक के रूप में अजगर पर पवित्र पीला पानी छिड़क कर श्रद्धापूर्वक 'तीर्थवारी' करेंगे।