CISF ने बनाई पहली महिला कमांडो यूनिट, अग्रिम मोर्चे पर होगी तैनाती; मध्यप्रदेश में ट्रेनिंग शुरू
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपनी पहली महिला कमांडो यूनिट बनाई है जिसमें सभी सदस्य महिलाएं हैं। यह यूनिट उच्च सुरक्षा वाले प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करेगी। मध्य प्रदेश के बरवाहा में प्रशिक्षण शुरू हो चुका है जिसमें शारीरिक फिटनेस हथियार प्रशिक्षण और तनाव में लाइव-फायर अभ्यास शामिल हैं। पहले बैच का प्रशिक्षण अगस्त में शुरू हुआ।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की पहली महिला कमांडो यूनिट का गठन कर दिया गया है। इस यूनिट को पूरी तरह महिलाएं ही संभालेंगी। ये दस्ता गंभीर किस्म के ऑपरेशन में हिस्सा लेने के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया जाएगा।
महिला कमांडो का प्रशिक्षण मध्य प्रदेश स्थित बरवाहा में सीआइएसएफ के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में शुरू हो चुका है। आठ हफ्ते के एडवांस कमांडो कोर्स में महिला कर्मचारियों को उच्च सुरक्षा प्रतिष्ठानों और प्लांट सुरक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के तौर पर तैयार किया जाएगा।
कई तरह के अभ्यास हैं शामिल
इस कार्यक्रम में शारीरिक फिटनेस और हथियार प्रशिक्षण, तनाव में रहते हुए लाइव-फायर अभ्यास, सहनशीलता बढ़ानेवाले अभ्यास जैसे दौड़, बाधा दौड़, रस्सी की मदद से ऊपर चढ़ने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा जंगलों में जीवित रहने का प्रशिक्षण और एक 48 घंटे का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला अभ्यास भी शामिल होगा।
इससे वे प्रतिकूल परिस्थितियों में निर्णय लेने और टीम वर्क के प्रति अभ्यस्त हो सकेंगी। देश के तमाम हवाई अड्डों पर तैनात 30 महिलाओं के पहले बैच का प्रशिक्षण 11 अगस्त से शुरू हुआ है। ये प्रशिक्षण 4 अक्टूबर तक चलेगा। दूसरे बैच का प्रशिक्षण 6 अक्टूबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा।
CISF में महिलाओं के बढ़ते कदम
सीआईएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी सरोज भूपेंद्र ने बताया कि शुरुआती चरण में विभिन्न एविएशन सिक्योरिटी ग्रुप (एएसजी) और संवेदनशील सीआईएसएफ यूनिट की 100 महिला कर्मी इस कार्यक्रम को पूरा करेंगी। सीआईएसएफ में महिलाओं के बढ़ते कदम अधिकारी ने बताया कि संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
कितनी महिलाओं की होगी भर्ती
गृह मंत्रालय के दिए लक्ष्य के तहत महिलाओं का बल में प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत करने के लिए भर्ती बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में संगठन में 12,491 महिलाएं कार्यरत हैं, जबकि 2026 तक 2400 महिलाओं की भर्ती और की जानी है। एक लाख 70 हजार कर्मियों वाला संगठन देश के 69 हवाई अड्डों और दिल्ली मेट्रो के साथ-साथ तमाम महत्वपूर्ण सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है।
(समाचार एजेंसी ANI के इनुपट के साथ)
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