UDAN: देश में उड़ान योजना का 5वां चरण शुरू, दूर-दराज के इलाकों में बढ़ेगी हवाई कनेक्टिविटी
केंद्र सरकार ने देश के दूर-दराज इलाकों में कनेक्टिविटी सुविधा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़ान के पांचवें चरण की शुरुआत की है। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इसके लिए 600 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की जाएगी। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, एएनआई। केंद्र सरकार ने देश के दूर-दराज इलाकों में कनेक्टिविटी सुविधा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना 'उड़ान' के पांचवें चरण की शुरुआत की है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने शुक्रवार को विभिन्न मार्गों के लिए एयरलाइनों से बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इसके लिए 600 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की जाएगी, जबकि पहले यह दूरी 500 किलोमीटर की थी।
मूल और गंतव्य के बीच की दूरी पर कोई प्रतिबंध नहीं
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किए गए एक ट्वीट के अनुसार, उड़ान का पांचवां चरण श्रेणी-2 (20-80 सीटें) और श्रेणी-3 (80 से अधिक सीटों) पर केंद्रीत होगा। मंत्रालय ने कहा कि पहले चरण के लिए 600 किलोमीटर की दूरी की सीमा को समाप्त कर दिया जाएगा और उड़ान के मूल और गंतव्य के बीच की दूरी पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत प्राथमिकता और गैर-प्राथमिकता दोनों क्षेत्रों के लिए यह सीमा 600 किलोमीर ही होगा।
मार्ग प्रदान करने के चार माह के अंदर ही करनी होगी परिचालन की शुरूआत
मंत्रालय ने कहा कि एयरलाइनों को मार्ग प्रदान करने के चार माह के अंदर ही परिचालन को शुरू करना होगा। हालांकि, पहले यह समय सीमा छह माह की थी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उड़ान योजना कई इलाकों के लिए एक जीवनदायिनी साबित हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इस योजना के तहत देश भर के कई स्थानों को जोड़ने में मदद मिली है।
जीवनदायिनी साबित हुई है उड़ान
उन्होंने कहा, "उड़ान कई क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है जो अब देश भर के स्थानों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। योजना का यह नया और मजबूत संस्करण देश में पहले की तुलना में और गति बढ़ाएगा और नए मार्गों को जोड़ेगा।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत आने वाले दिनों में 1,000 मार्गों और 50 अतिरिक्त हवाईअड्डों, हेलीपोर्टों और वाटर एयरोड्रोमों के परिचालन के लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होगी।