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CJI Chandrachud: जजों को होना चाहिए रिटायर, ताकि आने वाली पीढ़ियां...CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ऐसा क्यों कहा?

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायाधीशों को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां समाज को विकसित करने के लिए पुराने कानूनी सिद्धांतों को फिर से तैयार कर सकें। चंद्रचूड़ ने कहा कि जहां अमेरिकी संविधान में न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की कोई उम्र नहीं है। वहीं भारत मेंन्यायाधीश एक विशेष आयु के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 04 Nov 2023 07:46 PM (IST)
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जजों को होना चाहिए रिटायर, ताकि आने वाली पीढ़ियां (Image: ANI)

पीटीआई, नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्यायाधीशों को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां समाज को विकसित करने के लिए पुराने कानूनी सिद्धांतों को फिर से तैयार कर सकें।

सीजेआइ चंद्रचूड़ ने शनिवार को दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

अमेरिकी संविधान का क्यों किया जिक्र?

चंद्रचूड़ ने कहा कि जहां अमेरिकी संविधान में न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की कोई उम्र नहीं है। वहीं, भारत में,न्यायाधीश एक विशेष आयु के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं। सीजेआई ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि न्यायाधीशों को अवश्य ही सेवानिवृत्त होना चाहिए क्योंकि यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि किसी इंसान पर अपनी स्वयं की अचूकता के संदर्भ में यह धारणा थोप दी जाए कि उन्हें अपने कार्यालय से सेवानिवृत्त नहीं होना चाहिए।

आने वाली पीढ़ियों को सौंपी जाए जिम्मेदारी 

CJI ने आगे कहा कि हमने उस मॉडल का अनुसरण किया है, जहां न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो जाते हैं। लेकिन, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो एक न्यायाधीश के रूप में 23 वर्षों से सिस्टम में है, मेरी राय अलग है। उन्होंने कहा, 'न्यायाधीश इंसान होते हैं जिनमें गलतियां होने की संभावना होती है और समाज विकसित होता है। आपको यह दायित्व आने वाली पीढ़ियों को सौंपना चाहिए जो अतीत की त्रुटियों को इंगित करने और समाज के विकास के लिए कानूनी सिद्धांतों में बदलाव करने में सक्षम होंगी।

भारत में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु कितनी?

इसका कारण बताते हुए CJI ने कहा कि भारतीय संदर्भ में, अनिर्वाचित न्यायाधीशों को जीवन भर पद पर बने रहने के लिए इस प्रकार की शक्ति देना, बुद्धिमानी से भारतीय संविधान द्वारा नहीं अपनाया गया है। वर्तमान में, भारत में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु निचली अदालतों में 60 वर्ष, उच्च न्यायालयों में 62 वर्ष और उच्चतम न्यायालय में 65 वर्ष है।

एक संसदीय समिति ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के कार्यकाल को मौजूदा सेवानिवृत्ति की आयु से आगे बढ़ाने के लिए एक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली की सिफारिश की थी। यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु को शीर्ष अदालत के बराबर लाने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया था, लेकिन यह कभी भी विचार के लिए नहीं आया और समाप्त हो गया।

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