इलेक्टोरल बॉन्ड, धारा 370, हिंडनबर्ग विवाद... इन ऐतिहासिक फैसलों के लिए याद किए जाएंगे CJI चंद्रचूड़
CJI Chandrachud Landmark Verdicts सीजेआई चंद्रचूड़ का शुक्रवार को आखिरी कार्य दिवस था। वह रविवार को रिटायर हो जाएंगे और उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना देश के नए मुख्य न्यायाधीश होंगे। डीवाई चंद्रचूड़ ने धारा 370 हटाने को वैध करार देने समेत कई ऐतिहासिक फैसले किए हैं जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। पढ़ें कौन-कौन से रहे हैं उनके कार्यकाल के अहम फैसले।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ का अखिरी वर्किंग डे था। वह 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपने दो वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके को वैध करार देने से लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड को रद करने तक कई ऐतिहासिक फैसले लिए। आइये नजर डालते हैं उनके लिए कुछ अहम फैसलों पर।
अनुच्छेद 370 को हटाना वैध
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए के केंद्र सरकार के फैसले को वैध करार दिया था। इसे 2019 में भारत की संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को संवैधानिक तौर पर स्वीकृति के रूप में देखा गया था।रद किया इलेक्टोरल बॉन्ड
सीजेआई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए रद कर दिया था। पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बॉन्ड जारी करने पर तुरंत रोक लगाने के साथ चुनाव आयोग (ईसीआई) को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक बॉन्ड का विवरण प्रकाशित करने का भी आदेश दिया था।
जेलों में भेदभाव पर रोक
सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने भारत में जेलों के भीतर जाति-आधारित भेदभाव को असंवैधानिक करार देते हुए जेल मैनुअल को तुरंत संशोधित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने माना था कि जाति-आधारित काम का आवंटन संविधान का उल्लंघन है।बाल विवाह के मामले पर दिशा-निर्देश
देश में बाल विवाह में वृद्धि का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई निर्देश जारी किए थे।