'सेफ खेलना छोड़िए, कॉमन सेंस का इस्तेमाल करें जज', जमानत याचिकाओं को लेकर ऐसा क्यों बोले CJI चंद्रचूड़
CJI Chandrachud on bail petitions सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों को खास संदेश दिया है। सीजेआई ने कहा कि जब अपराध के महत्वपूर्ण मुद्दों को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है तो ट्रायल जज जमानत न देकर सेफ खेलना पसंद करते हैं। उन्होंने प्रत्येक मामले की बारीकियों को देखने के लिए मजबूत कॉमन सेंस की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीटीआई, बेंगलुरु। CJI Chandrachud on bail petitions जमानत मामलों पर आज मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने जजों को बड़ा संदेश दिया है। सीजेआई ने कहा कि जब अपराध के महत्वपूर्ण मुद्दों को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है, तो ट्रायल जज जमानत न देकर सेफ खेलना पसंद करते हैं।
'मजबूत कॉमन सेंस' का इस्तेमाल करें
मुख्य न्यायाधीश ने प्रत्येक मामले की बारीकियों को देखने के लिए 'मजबूत कॉमन सेंस' की आवश्यकता पर जोर दिया। सीजेआई ने कहा कि जिन लोगों को ट्रायल कोर्ट में जमानत मिलनी चाहिए और उन्हें वहां नहीं मिल रही है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें हमेशा उच्च न्यायालयों का रुख करना पड़ता है।
मनमाने ढंग से गिरफ्तार लोग होते हैं परेशान
डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि जिन लोगों को उच्च न्यायालयों में जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें जरूरी नहीं कि वह मिले, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ता है। यह देरी उन लोगों की समस्या को और बढ़ा देती है, जिन्हें मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया जा रहा है।
मनमानी गिरफ्तारियों पर क्या बोले CJI
सीजेआई बर्कले सेंटर के तुलनात्मक समानता और भेदभाव विरोधी 11वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान बोल रहे थे। भाषण के बाद उनसे कुछ प्रश्न किए गए, जिसमें एक प्रश्न मनमाने ढंग से की जाने वाली गिरफ्तारियों पर था। ये भी पूछा गया कि क्या हम ऐसे समाज में रहते हैं, जहां व्यक्ति पहले कार्य करता है और बाद में क्षमा मांगता है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इसके जवाब में कहा,
सर्वोच्च न्यायालय लगातार यह बताने की कोशिश कर रहा है कि इसका एक कारण यह भी है कि देश के भीतर संस्थानों में अंतर्निहित अविश्वास है। सीजेआई ने कहा, "मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम उन लोगों पर भरोसा करना सीखें जो पदानुक्रमित कानूनी प्रणाली में हैं, जैसे कि बहुत नीचे, जो कि ट्रायल कोर्ट हैं। हमें ट्रायल कोर्ट को प्रोत्साहित करना होगा कि वे स्वतंत्रता चाहने वाले लोगों की चिंताओं को समायोजित करने की आवश्यकता के प्रति अधिक ग्रहणशील हों।" दुर्भाग्य से, आज समस्या यह है कि हम ट्रायल जजों द्वारा किसी भी तरह की राहत को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।
सीजेआई ने कहा कि मतलब है कि ट्रायल जज गंभीर अपराधों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जमानत न देकर तेजी से सुरक्षित खेल रहे हैं। सीजेआई के अनुसार, जजों को हर मामले की बारीकियों को देखना होगा और उसके बारीक पहलुओं को देखना होगा।