Independence Day 2023: न्यायपालिका की सबसे बड़ी चुनौती न्याय की राह की बाधाएं दूर करना- सीजेआई चंद्रचूड़
Independence Day 2023 स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के प्रभावी निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के शीर्ष अदालत के कदम की सराहना किए जाने के शीघ्र बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि अब तक शीर्ष अदालत के 9423 निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 15 Aug 2023 11:49 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि भारतीय न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंच की बाधाएं दूर करना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि न्यायपालिका समावेशी एवं पंक्ति में आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति के लिए सुगम हो।
पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की तारीफ की
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के प्रभावी निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के शीर्ष अदालत के कदम की सराहना किए जाने के शीघ्र बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि अब तक शीर्ष अदालत के 9,423 निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।
शीर्ष कोर्ट परिसर में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने संबोधन में चीफ जस्टिस ने शीर्ष अदालत के सभी 35,000 फैसलों को नागरिकों के सामने क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया।
अदालतों में बुनियादी ढांचे में परिवर्तन की जरूरत
उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों को सुगम और समावेशी बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है। उन्होंने अकर्मण्यता दूर करने के लिए न्यायिक प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को सबसे अच्छा उपाय बताया।
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत अपनी इमारत का विस्तार करने की योजना बना रही है। नई इमारत में 27 अतिरिक्त कोर्ट रूम, चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम और वकीलों और वादियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक ऐसी न्यायिक प्रणाली बनाना है जो न्याय चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए अधिक सुलभ और किफायती हो।
इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए रोडमैप जरूरी है। सभी को भारत को विकसित देश बनाने की प्रक्रिया में मिलकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कानून के शासन को लोकतंत्र की बुनियाद बताया।