Move to Jagran APP

Climate Change: सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले से बढ़े जलवायु परिवर्तन के केस, ग्लोबल साउथ में इसके 200 से अधिक मामले दर्ज

Climate Change लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ग्रांथम रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन क्लाइमेट चेंज एंड द एनवायरमेंट की रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल साउथ में जलवायु के अदालती मामले बढ़ रहे हैं और इस ओर लोगों का ध्यान भी खिंच रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत सहित ग्लोबल साउथ के देशों के आंकड़ों में जलवायु के दो सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Published: Thu, 27 Jun 2024 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 10:30 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने जलवायु परिवर्तन पर ऐतिहासिक फैसले के बाद बढ़े इसके केस।

पीटीआई, नई दिल्ली। हाल में सुप्रीम कोर्ट ने जलवायु परिवर्तन पर एक ऐतिहासिक फैसला दिया, जिससे इसके दुष्प्रभावों के खिलाफ अधिकारों को मान्यता दी गई है। जलवायु परिवर्तन को मूलभूत अधिकारों से संबंधित बताने वाले इस फैसले से देश में जलवायु परिवर्तन से संबंधित मामले और दर्ज हो सकते हैं। गुरुवार को जारी एक वैश्विक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

ग्लोबल साउथ में बढ़ रहे जलवायु के अदालती मामले

एमके रंजीत सिंह और अन्य बनाम भारत संघ के इस मामले पर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ग्रांथम रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन क्लाइमेट चेंज एंड द एनवायरमेंट की रिपोर्ट के अनुसार 'ग्लोबल साउथ' में जलवायु के अदालती मामले बढ़ रहे हैं और इस ओर लोगों का ध्यान भी खिंच रहा है।

2023 में 200 से अधिक मामले दर्ज

रिपोर्ट के अनुसार भारत सहित ग्लोबल साउथ के देशों के आंकड़ों में जलवायु के दो सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। यह मामले विश्व के कुल मामलों का आठ प्रतिशत हैं। करीब 70 प्रतिशत मामले पेरिस समझौता होने के बाद यानी 2015 के बाद ही किए गए हैं। अकेले 2023 में ही 233 नए मामले दर्ज किए गए।

शोध में संकेत मिले हैं कि ग्लोबल साउथ के कुछ देशों में जलवायु के मामलों के समाधान के लिए अधिकाधिक अदालतों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि अन्य देशों में रणनीतिक आधार पर जलवायु के मुकदमों से बचा जा रहा है।

सोन चिरैया पर पड़ा है बिजली की तारों का असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एमके रंजीत सिंह के मामले में दिए फैसले में कहा गया था कि जलवायु परिवर्तन के परिणाम भारतीय संविधान में निहित जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं। इस मामले में बिजली की तारों के कारण सोन चिरैया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के अस्तित्व पर बुरा असर पड़ा और वह विलुप्त प्राय: हैं। 

यह भी पढ़ेंः

आपातकाल की चर्चा पर भड़की कांग्रेस, बिरला से मिले राहुल गांधी; वेणुगोपाल ने चिट्ठी में जताई आपत्ति

VIDEO: 'सलाह मत दिया करो, चलो बैठो...', लोकसभा अध्यक्ष ने दीपेंद्र हुड्डा को क्यों लगाई फटकार?


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.