Climate Change: जलवायु परिवर्तन ने बढ़ाई चिंता, पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा गर्म रही धरती; WMO की रिपोर्ट में खुलासा
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की जलवायु परिवर्तन को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 से 2020 के बीच का दशक जलवायु परिवर्तन की दर के रूप में पृथ्वी की भूमि और महासागरों के लिए सबसे गर्म था। छह महीने के रिकॉर्ड वैश्विक तापमान के बाद इस साल के सबसे गर्म वर्ष होने की भी उम्मीद जताई गई है।
By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:00 AM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की जलवायु परिवर्तन को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011 से 2020 के बीच का दशक जलवायु परिवर्तन की दर के रूप में पृथ्वी की भूमि और महासागरों के लिए सबसे गर्म था।
COP28 सम्मेलन में पेश की गई रिपोर्ट
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई में आयोजित COP28 सम्मेलन में जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वायुमंडल में बढ़ते प्रदूषण के कारण भूमि और समुद्र के तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। छह महीने के रिकॉर्ड वैश्विक तापमान के बाद इस साल के सबसे गर्म वर्ष होने की भी उम्मीद जताई गई है।
वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस वर्ष की असाधारण गर्मी अल नीनो और मानव-उत्पन्न जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभावों का परिणाम है। जो जीवाश्म ईंधन प्रदूषण के कारण है। वैश्विक कार्बन परियोजना द्वारा सोमवार को जारी एक अलग विश्लेषण में पाया गया कि जीवाश्म ईंधन से होने वाला कार्बन प्रदूषण 2022 के मुकाबले 2023 में नया रिकॉर्ड स्थापित करने की राह पर है।क्या बोले WMO के महासचिव?
डब्लूएमओ के महासचिव पैटेरी टालस ने कहा कि 1990 के दशक के बाद से प्रत्येक दशक उसके पहले की तुलना में अधिक गर्म रहा है और हमें इसके रुकने का तत्काल कोई संकेत नहीं दिखता है। उन्होंने कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करनी होगी।
भारत 2011 से 2020 तक बाढ़ और सूखे की चपेट में रहा
जलवायु सम्मेलन में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की बिगड़ती स्थिति के चलते भारत के लिए 2011-2020 का दशक बाढ़ और सूखे की चपेट में रहा। रिपोर्ट में कहा गया कि 2023 रिकॉर्ड में सबसे गर्म वर्ष होगा। रिपोर्ट के अनुसार, दशक 2011-2020 के दौरान सूखे का काफी अधिक सामाजिक-आर्थिक और मानवीय प्रभाव पड़ा। स्वयं भारत में, 28 राज्यों में से 11 में सूखा घोषित किया गया, जिससे खाद्य और जल असुरक्षा पैदा हो गई।यह भी पढ़ें- SpiceJet Emergency Landing: अहमदाबाद से दुबई जाने वाली फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, कराची में उतरा विमान; सभी यात्री सुरक्षित