Flood in Sikkim उत्तरी सिक्किम की ग्लेशियर झील साउथ ल्होनक के पास मंगलवार रात बादल फटने से तीस्ता नदी में उफान आने से अनेक लोग बह गए। देर शाम तक मिली सूचना के अनुसार सेना के 22 जवानों समेत 81 लोग लापता हैं सड़कों और पुलों के बहने और संचार व्यवस्था ठप होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सभी जवानों के स्वजन को सूचित किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 03:03 AM (IST)
जगन दाहाल, गंगटोक: उत्तरी सिक्किम की ग्लेशियर झील साउथ ल्होनक के पास मंगलवार रात बादल फटने से तीस्ता नदी में उफान आने से अनेक लोग बह गए। देर शाम तक मिली सूचना के अनुसार सेना के 22 जवानों समेत 81 लोग लापता हैं, जबकि 10 शव मिले हैं। जलपाईगुड़ी के तीस्ता बैराज में भी तीन शव मिले हैं। शव सिक्किम से बहकर आए हैं। लापता और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 10 के कई जगह बह जाने से सिक्किम का सड़क संपर्क देश के शेष भाग से कट गया है। सिक्किम प्रशासन ने आपदा स्थिति घोषित की है। मुख्य सचिव वीएस पाठक ने कहा कि चार जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए अत्यधिक वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। इसका असर राहत एवं बचाव कार्य पर पड़ रहा।
संचार व्यवस्था ठप
सड़कों और पुलों के बहने और संचार व्यवस्था ठप होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। उधर, सेना के प्रवक्ता ले. कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि तीस्ता किनारे बरदांग में सेना की स्थायी छावनी है। सेना के कुल 22 जवान लापता थे। एक को खोज लिया गया है। वह बरदांग सेना छावनी से 18 किलोमीटर दूर दनाग गांव के पास मिला। अन्य 22 की तलाश जारी है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सभी जवानों के स्वजन को सूचित किया गया है।
अभी हम परिचय नहीं बता रहे। सिक्किम में तैनात अन्य सैन्य जवान एवं अधिकारी सुरक्षित हैं। गंगटोक से लगभग 73 किलोमीटर दूर उत्तर चीन सीमा से सटी ग्लेशियर झील ल्होनक पहले से भरी थी। दो दिन से बारिश हो रही थी। मंगलवार की देर रात करीब साढ़े 12 बजे के बाद झील के ऊपर बादल फट गया। प्रति सेकेंड 15 मीटर की गति से झील का जलस्तर बढ़ा और बांध टूट गए।
नदी का जल स्तर बढ़ा
इससे लाचेन घाटी से बहने वाली तीस्ता नदी का जल स्तर 15 से 20 फीट ऊंचा हो गया। आगे चुंगथांग डैम टूटने से नदी में पानी और बढ़ गया। इससे भारी तबाही हुई। सिक्किम के मंगन, पाक्योंग, नामची एवं गंगटोक जिलों में सर्वाधिक क्षति हुई है। तीस्ता किनारे फार्मास्यूटिकल कंपनियों और जलविद्युत परियोजनाओं के परिसरों में नुकसान हुआ है। तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लगभग 15 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।
सड़कें हुई क्षतिग्रस्त
रंगपो में सर्वाधिक नुकसान, दर्जनों लापता पाक्योंग के जिलाधिकारी तासी छोपेल ने बताया है कि बादल फटने और नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलने पर रंगपो के नागरिकों को देर रात दो बजे के बाद सुरक्षित स्थानों के लिए निकाला गया, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अभी भी लापता हैं। रंगपो और सिंगताम के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 10 स्थित 21 माईल में सड़क पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।
सिक्किम मणिपाल समेत दो शैक्षणिक संस्थान के छात्रों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रंगपो परिसर के सरकारी और निजी स्कूलों में राहत शिविर बनाए गए हैं। राहत और बचाव कार्य में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य संगठनों के लोग लगे हुए हैं। बुधवार सुबह राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।
जलपाइगुड़ी में बढ़ा पानी, बंगाल में अलर्ट बाढ़ का असर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भी पड़ा है। वहां निचले इलाकों से 11 हजार लोगों को हटाया गया है। मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने बताया कि तीस्ता बैराज से तीन शव मिले हैं। उनकी पहचान नहीं हो पाई है। बंगाल में जलपाईगुड़ी प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नदी के निचले जलग्रहण क्षेत्र से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है।
सरकार सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध
तामांग सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तामांग ने सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निगरानी रखने को कहा। इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस कठिन घड़ी में सरकार जरूरतमंदों के साथ है। हम उनको सभी आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
दस हजार लोगों को निकाला
ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा ग्यारह हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उत्तरी इलाकों में लोगों से सतर्क रहने को कहा है। कालिम्पोंग, दार्जि¨लग और जलपाईगुड़ी जिलों में नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं। हेल्पलाइन नंबरों के साथ दो नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया। सेना की एक टुकड़ी कालिम्पोंग में तैनात की गई है।
कैबिनेट सचिव ने की समीक्षा कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान पर्यटकों और सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया गया। वीडियो कान्फ्रेंस के माध्मय से बैठक में शामिल हुए सिक्किम के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी।
केंद्र रख रहा नजर केंद्रीय सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हर संभव मदद दी जा रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही तीन टीम तैनात कर दी हैं। इसके अतिरिक्त टीम गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं।
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