Move to Jagran APP

सीएम नायडू ने दिया नदियां जोड़ने का प्रस्ताव, केंद्र ने दिखाई हरी झंडी; जातीय गणना को लेकर रेवंत रेड्डी का बड़ा बयान

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के गोदावरी और पेन्नार नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। तेलुगू देशम पार्टी ने शुक्रवार को बताया कि केंद्र ने प्रदेश की राजधानी अमरावती के निर्माण में भागीदारी के लिए सिंगापुर के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई है। वित्त मंत्री ने पोलावरम परियोजना को पूरा करने में भी हर संभव मदद देने पर सहमति जताई।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 16 Nov 2024 07:33 AM (IST)
Hero Image
सीएम नायडू ने दिया नदियां जोड़ने का प्रस्ताव, केंद्र ने दिखाई हरी झंडी
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के गोदावरी और पेन्नार नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। तेलुगू देशम पार्टी ने शुक्रवार को बताया कि केंद्र ने प्रदेश की राजधानी अमरावती के निर्माण में भागीदारी के लिए सिंगापुर के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई है।

टीडीपी सांसद लावु कृष्णदेवारायलु ने कहा कि प्रदेश के पिछड़े रायलासीमा क्षेत्र के विकास के लिए अति महत्वपूर्ण दोनों नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

उन्होंने यह घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुख्यमंत्री नाडयू के साथ मुलाकात के बाद की। वित्त मंत्री ने पोलावरम परियोजना को पूरा करने में भी हर संभव मदद देने पर सहमति जताई।

कांग्रेस जनगणना में जातीय गणना जोड़ने का केंद्र पर दबाव डालेगी : रेवंत रेड्डी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए.रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस अगले साल होने वाली जनगणना में जातीय गणना को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालेगी। ताकि राजनीतिक, शैक्षणिक और रोजगार में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को पार किया जा सके।

इस बीच, कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जातीय सर्वे कराके तेलंगाना इतिहास रच रहा है। जबकि केंद्र सरकार हर दशक में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जनगणना कराने में विफल रही है। बाल दिवस पर आयोजित एक समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार के जारी जातिगत सर्वे को सफल बनाना चाहिए ताकि उसके मकसद का लोगों को अहसास हो।

साथ ही आरक्षण को बढ़ाया जा सके और आबादी के अनुपात में संसाधनों का प्रविधान किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग झूठी अफवाहें उठा रहे हैं कि सर्वे का ब्योरा जारी हुआ तो सरकारी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी। लेकिन इससे केवल वांछित लाभार्थियों का फायदा होगा। जातीय सर्वे को समाज का मेगा-हेल्थ चेकअप बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा है कि लोगों से प्रासंगिक ब्योरा हासिल करने के बाद सभी को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना सरकार ने विगत 9 नवंबर से अपने इस कांग्रेस शासित राज्य में 'समग्र सामाजिक, आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जातीय सर्वे' शुरू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान राज्य में जातीय गणना कराने का वादा किया था।

वहीं, नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए जातीय सर्वे एक क्रांतिकारी कदम है। यह प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने की कवायद है। उन्होंने एक्स पर बताया कि इस मैराथन लक्ष्य में 80 हजार लोग कार्यरत हैं जो 33 जिलों के 1.17 परिवारों का सर्वे कर रहे हैं।