Assam: 'असम में लगभग एक लाख से अधिक संदिग्ध मतदाता', सीएम सरमा बोले- साढ़े 41 हजार विदेशी
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य में लगभग 1.20 लाख लोगों की पहचान संदिग्ध मतदाताओं के रूप में की गई है और उनमें से 41583 को विदेशी घोषित किया गया है। गृह विभाग की भी जिम्मेदारी देखने वाले सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद हिरासत शिविरों से 795 लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
पीटीआई, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य में लगभग 1.20 लाख लोगों की पहचान संदिग्ध मतदाताओं के रूप में की गई है और उनमें से 41,583 को विदेशी घोषित किया गया है। सरमा ने नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि अब तक कुल 1,19,570 लोगों को संदिग्ध मतदाता के रूप में चिह्नित किया गया है।
उन्होंने कहा कि निपटाए गए मामलों में से 76,233 को भारतीय घोषित किया गया है और 41,583 की पहचान विदेशी के रूप में की गई है। गृह विभाग की भी जिम्मेदारी देखने वाले सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद हिरासत शिविरों से 795 लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
घोषित विदेशियों की राष्ट्रीयता का सत्यापन कर रहे
उन्होंने कहा कि संबंधित देश उन घोषित विदेशियों की राष्ट्रीयता का सत्यापन कर रहे हैं। उनके देश द्वारा यात्रा परमिट जारी किए जाने के बाद उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। असम में संदिग्ध मतदाताओं की अवधारणा 1997 में निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई थी। इसने उन लोगों की एक सूची तैयार की थी जो अपनी भारतीय राष्ट्रीयता के पक्ष में सुबूत नहीं दे सके थे।उन्होंने बताया कि असम के 9.35 लाख से अधिक लोग जो एनआरसी अपडेशन करने की प्रक्रिया के दौरान दी गई बायोमेट्रिक्स जानकारी लॉक हो जाने के कारण अपने आधार कार्ड प्राप्त नहीं कर पा रहे थे, उन्हें जल्द ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) द्वारा आधार कार्ड जारी किए जाएंगे।सीएम ने कहा कि केंद्र ने यूआइडीएआइ को कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है क्योंकि यह स्पष्ट हो चुका है कि एनआरसी में नाम शामिल होने और आधार पंजीकरण के बीच कोई संबंध नहीं है।इस दौरान सरमा ने बताया कि राज्य सरकार ने अभी तक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर फैसला नहीं किया है।
सरमा के खिलाफ 18 विपक्षी दलों ने दर्ज कराई शिकायत
मिया मुस्लिम बयान को लेकर असम के 18 विपक्षी दलों ने सीएम सरमा के खिलाफ दिसपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री पर जाति धर्म के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है। विपक्ष का कहना है कि सरमा एक विशिष्ट समुदाय को निशाना बनाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं और उनके इस बयान से राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है, दंगे हो सकते हैं।